
नेपाल मै जो सत्ता परिवर्तन हुआ इसके सूत्रधार हैं,
नेपाल के 24 वर्षिय राजकुमार हृदयेंद्र साह, राजकुमार अमेरिका में रहते हैं, पर उनको नेपाल में घटी एक विचित्र घटना झकझोर कर रख देती है, नेपाल में नेपाली कम्युनिस्ट सरकार से जुडे लोग पुलिस की सुरक्षा में गौमाता की हत्या करतें हैं और उसके चलचित्र बनाकर पूरे नेपाल में दिखातें हैं, राजकुमार तक जब यह चित्र पहुंचा तो वह बिना परिवार को पूर्व सूचना दिए अमेरिका से नेपाल में अपने आवास में पहुचतें हैं, और फिर परिवार के साथ अपने इष्ट भगवान शिव पशुपतिनाथ के दर्शन करतें हैं, तत्पश्चात अपने पर पिता से इस सम्बन्ध में बात करते हैं, की राजा के जीवित रहते हिन्दुओ के देश में गौ हत्या कैसै हुई ? राजा अपने विरोध प्रदर्शन की प्रेस विज्ञप्ति दिखा कर राजकुमार को समझाते हैं, तब राजकुमार तथाकथित भारतीय हिन्दूवादी सरकार की प्रतिक्रिया और इस पर भारत सरकार ने क्या सहयोग इसकी जानकरी जुटातें हैं, फिर वह राजा नियम के विरुद्ध नेपाल में भारतीय राजदूत से मिलने का प्रयास करतें हैं, भारतीय दूतावास कोई प्रतिक्रिया नहीं देता । यहीं से राजकुमार अपना लक्ष्य लेकर अमेरिकी लौट जाते हैं, अब वह अमेरिका से सहयोग लेकर बड़े आंदोलन की रुपरेखा तैयार करते हैं, नेपाल के ज्वलंत मुद्दे सामने लाकर युवा पीढी को अपने साथ जोड़ते हैं, और फिर परिणाम सामने आते हैं, गौ हत्यारों का एक तरह से सर्वनाश आरंभ हो जाता है, अब नेपाल को नेपाल नरेश मिलने वाले है, गौमाता नेपाल का राष्ट्रीय गौरव होने जा रही हैं । पुरी पीठाधीश्वर पूर्वाम्नाय अनंत विभूषित शंकराचार्य भगवान के अनुसार नेपाल नरेश ही स्वंय पशुपतिनाथ शिव हैं, केवल नेपाल नरेश ही सभी हिन्दुओ के धर्म सम्राट हैं अन्य कोई नहीं । नेपाल पुन:हिन्दु राष्ट्र बनने जा रहा है ।