
लेख – शिवानी पाण्डेय
एक महिला की व्यथा
आखिर एक महिला फेसबुक पर प्रोफ़ाइल लॉक क्यों रखती है….स्त्री की लिखी सार्वभौमिक समस्या 😪
कल मेरी दोस्त ने अपने इनबॉक्स के बारे में जो बताया तो जो पाया उसी के आधार पर थोड़ा सा अनुभव लिख रही हूं जरा आप लोग गौर फरमाएं
…😳
Inbox में
Hi
Hello
कहाँ से हो..?
कैसी हो..?
Love you…
मुझसे बात क्यूँ नहीं करती..?
मुझसे दोस्ती करोगी..?
ये समस्या सार्वभौमिक है…
हर स्त्री की समस्या है…
मानसिकता का स्वस्थ होना और
विकृत होना से संस्कारों पर है…!
Inbox बना ही है बात करने लिए…!
पर बात करें किससे…??
ये सोचने वाली विषय है…
बात करने लायक कोई बात भी तो हो और
बात करने योग्य कोई व्यक्ति तो हो…!!
बात करने योग्य मध्य कोई विषय तो हो…!!
– आप बहुत अच्छा लिखती हैं..!
– आप बहुत सुन्दर हैं (फोटो हो तो)
– मैं आपका fan हूँ..!
– आपके विचारों से मेरा जीवन बदल रहा है..!
– मुझे आपसे बहुत प्रेम है..!
Facebook पर एक विचारक, लेखक और कवि को
इसके सिवा क्या कहा जा सकता है…?
और ये बातें आराम से
सार्वजनिक तौर पर कही जा सकती हैं
सहज रूप से …
पर ये बातें inbox में स्त्री को कहने की चाह
इन बातों की गरिमा को खो देती हैं..!
अधिकांश लोग वासनात्मक रूप ले कर स्त्री की ओर रुख कर रहे हैं और
एक भविष्य की सम्भावना को तलाशने की चाह
स्त्री के inbox तक ले जाती है….!
बहुत पुरूष इस मामले में विकृत होते जा रहे हैं
वो हर दूसरी महिला के inbox तक
अपनी पहुँच बनाना चाहता है…
मेरी बहुत सी facebook महिला मित्रों की भी
यही शिकायत रहती है..
क्या हो गया है आदमी को…
क्यों बैचेन है वो…!
विपरीत ऊर्जा के प्रति आकर्षण स्वाभाविक है…
ये मानवीय है पर
इसे हम धैर्यवान हो कर संस्कारों से ढक कर
सभ्यता से चलें तो
समाज में स्त्री पुरूष सम्बन्ध मजबूत होगा…!
मित्र हो सब कुछ हो…😊😊
मित्रता सर्वश्रेष्ठ है…
ये विचारों का मंच है
विचारों से जुड़ना चाहिए ना कि
व्यक्तिगत रूप और शरीर से……
शरीर सभी स्त्रियों का अपनी अपनी उपलब्धि है…
किसी को कोई जरूरत नहीं है….
और किसी को जरूरत होगी तो वो
आपसे जरूर सम्पर्क करेगी…
इसलिए ये छिछोरापन करने से
हर किसी को बचना चाहिए और
सभी को चाहिए कि
उन्हें उत्साहित और
उनकी अभिव्यक्ति पर ही गौर करना चाहिये…
कुछ लोगों के छिछोरेपन के कारण सभी लोग पर उंगली उठने लगती है..
यह गलत है विचार करे ।। 🙏🙏