
धर्म, मानवीय मूल्यों,आदर्शों व सिद्धांत की रक्षा हेतु गुरु तेगबहादुर ने दे दी प्राणों की आहुति
महराजगंज: सिक्खों के नौवें गुरु गुरु तेगबहादुर विश्व इतिहास में धर्म, मानवीय मूल्यों,आदर्शों एवं सिद्धांत की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वाले एक अद्वितीय महापुरुष थे। यह बातें सदर तहसील के दुर्गावती देवी इंटर कॉलेज प्रयागनगर भैंसा, भिटौली बाजार,महराजगंज में सोमवार 28 नवंबर को गुरु तेगबहादुर के शहीदी दिवस पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा के दौरान संस्थापक प्रधानाचार्य उपेंद्र मिश्र ने कही। प्रवन्धक जितेंद्र मिश्र ने कहा कि 1 अप्रैल 1621 को अमृतसर में जन्में गुरु तेगबहादुर ने कश्मीरी पंडितों एवं अन्य हिंदुओं को मुगलों द्वारा बलपूर्वक मुस्लिम बनाने का विरोध किया।संरक्षक राजेश त्रिपाठी ने कहा कि 24 नवंबर 1675 को मुगल बादशाह औरंगजेब ने गुरु तेगबहादुर से इस्लाम स्वीकार करने को कहा तो गुरु साहब ने कहा कि सिर कटा सकते हैं लेकिन केश(बाल) नहीं।इस पर औरंगजेब ने सबके सामने ही उनका सिर कटवा दिया।प्रधानाचार्या करुणा मणि पटेल ने कहा कि गुरुद्वारा शीश गंज साहिब तथा गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब उनकी हत्या एवं अंतिम संस्कार की याद दिलाते हैं। इस मौके पर उप प्रधानाचार्य राजेश कुमार तिवारी, कार्यालय अधीक्षक रमेश चंद पटेल,सुशील त्रिपाठी, अशोक धर दुबे,अम्बरीष धर दुबे, योगेश चौरसिया, श्रवण विश्वकर्मा,सभाचंद प्रसाद,कृष्णानन्द दुबे,प्रदीप वर्मा,जहनुल्लाह खान,सूरज चौधरी, सीमा पांडेय,ऊषा सिंह,बबिता सिंह,प्रियंका श्रीवास्तव, नेहा पटेल,गंगेश वर्मा,राजलक्ष्मी, अमृता पांडेय,नेहा मद्धेशिया, रिंशु चौरसिया आदि मौजूद रहे ।