
भारतीय रेल की देखरेख में बनी मजार :-
दो दिन पहले आपको बताया था कि एक अवैध मजार है, उसका निरिक्षण करने जाना है.
आज दो लोगों को लेकर गया था. चूँकि दोनों लोग अभी मुझसे पहली बार जुड़े हैं, इसलिए उनकी फोटो नहीं डाल रहा हूँ.
मेरे निवास से 15 किमी दूर जौनपुर जिले में एक कस्बा है रामपुर. रामपुर में एक रेलवे क्रासिंग बनी है. कुछ माह पहले सिंगल लाइन थी, अब जाकर डबल लाइन बनी है.
क्रासिंग के के ठीक बगल में पटरी से सटी हुई एक मजार बनी हुई थी. चूँकि मजार, पटरी से बिलकुल सटी हुई थी तो अवैध ही होगी. रेलवे द्वारा पटरी के दोहरीकरण का कार्य करते समय वह मजार बीच में आ रही थी. चूँकि हम लोगों का उस ओर आना जाना कम रहता है. मैंने पुरानी सटी हुई मजार देखा था. सप्ताह भर पहले मैंने उस अपग्रेडेड मजार को देखा तो चौंक गया.
आज यह फोटो खींचने के बाद पास के एक मिठाई-चाय की दुकान पर गया. एक पेप्सी लिया और पीते पीते ही दुकानदार का परिचय लिया. दुकानदार, अखिलेश भक्त यादव जी निकला.मजार के बारे में चर्चा किया तो बिलकुल श्रद्धामय होकर बताने लगा–
“मजार के पीर बाबा में बड़ी शक्ति है, जो भी मुराद मांगो पूरी हो जाती है”
“रेलवे ने पुरानी मजार हटाकर अपने खर्च से उससे अच्छी मजार बनाकर दिया है. टाइल्स लगवाया है. बिजली भी दिया है. गाजीपुर से बड़े बड़े मौलाना आये थे ”
मैंने कहा कि तुमने पीर बाबा से क्यों नहीं मांग लिया कि अखिलेश यादव भारत के प्रधानमंत्री हो जायं ?
वह सकपका गया– “आप भाजपा के नेता हो ?”
मैंने कहा – “मण्डल अध्यक्ष हूँ और अब रेलवे पर मुकदमा करने जा रहा हूँ कि क्या रेलवे मजार भी बनाकर देती है ?
दुकानदार को पसीना आ गया
“भईया मैं एक साधारण दुकानदार हूँ, मुझे इन झमेलो में मत घसीटिये”
मैंने कहा कि तू निश्चिन्त रह भाई, तेरी औकात ही क्या है, घसीटना तो अखिलेश यादव को है जो यादवों को इस्लाम का गुलाम बना रहा है.
मित्रों
मजार बिलकुल रेलवे क्रासिंग के पास ही है
यदि रेलवे यह भी कह दे कि हमने मजार नहीं बनवाई है, किन्तु यह नहीं कह सकते कि हमें कुछ नहीं पता. रेलवे फाटक पर 24 घंटे रेलवे के कर्मचारी रहते हैं. मजार की दूरी उनकी केबिन से पचास-मीटर होगी. आखिर रेलवे को पटरी चौड़ी करते समय रेलवे की भूमि पर बनी मस्जिद मजार के लिए इतना दर्द क्यों है ?
यह सब अभी तक साधारण बातें थीं किन्तु अब बिलकुल चुप नहीं रहना है …. बिलकुल भी नहीं
जौनपुर DM
रेलवे के जोनल मैनेजर
रेल मंत्री
को पत्र लिखा जायेगा
पूछा जायेगा कि क्या रेलवे की भूमि किसी अधिकारी के बाप की है
कुछ हो या ना हो
किन्तु हमें अपने होने का आभास कराना है
हमें यह बताना है कि हम सबकुछ देख रहे हैं
70 सालो में हमने यही नहीं किया है
सबसे मुख्य बात कि इस लड़ाई को लड़ने में वहाँ से एक टीम बन जाएगी …. जेहादी प्रतिरोधक टीम
Zero Tolerance
कोई अगर मगर नहीं
सीधा और सटीक जवाब
“यह हिन्दुओं का राष्ट्र है, इसमें हिन्दू रहते हैं. यदि किसी और पंथ-सम्प्रदाय के लोगों को रहना है तो वो अपनी औकात में रहें”
इस बीच बड़ी प्रसन्नता की बात है कि
मेरी टीम बड़ी तेजी से बढ़ रही है
मिशन के लिए प्रतिदिन दौड़-भाग करने में एवं कागजी कार्यवाही में जो खर्च होता है, वह अब आप सब मित्र उठा रहे हैं …. अपेक्षा और दृढ़ विश्वास है कि आगे भी आप लोगों द्वारा आर्थिक सहायता जारी रहेगी
आगे बहुत सारी याचिकाएं हाई कोर्ट में डालनी है
बहुत शीघ्र आपको Update करूंगा
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
राजेश नारायण जी की वाल से साभार !