
हमने सती सावित्री तो नहीं देखी पर शायद ऐसी ही होती होंगी। मिलिये आज के जमाने की सावित्री से जो अपने पति को मौत के मुंह से वापिस खीच लाई।
जहाँ आजकल ‘आधुनिक नारी’ के नाम पर आपको सिर से पांव तक टैटू से कढी महिलायें “वाई शुड बॉयज़ हैव आल द फन” का राग अलापती नजर आयेंगी!
पुरूषों की बराबरी करने के लिये केवल कुछ इन्च लम्बा शॉर्ट पहने एक हाथ मे सिगरेट दबाए और दूसरे हाथ मे शराब का गिलास थामे दिखेंगी।
सड़क पर किसी सीधे सादे आदमी को एक तमाचा जड़ के खुद को रानी लक्ष्मीबाई का अवतार समझने लगती हैं।
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वहीं कुछ महिलाये वास्तव मे नारी शक्ती का उदाहरण पेश करती हैं।
नारी का सबसे बड़ा गुण जो उसे पूजनीय बनाता है वो है त्याग व समर्पण,वो अपने परिवार के लिये अपनी एक-एक खुशी को न्योछावर कर सकती है।
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ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है अभिनेता सूरज थापर की पत्नी दीप्ति ध्यानी ने।
पिछ्ले साल उनके पति को कोविड के कारण आईसीयू मे भर्ती किया गया,
तब उन्होने तिरुपति मंदिर में ये कामना की थी अगर उनके पति स्वस्थ हो गए तो वो तिरुपति मंदिर में अपना सर मुंडवा लेंगी, और दीप्ति ने अपना सर मुंडवा भी लिया।
एक महिला के लिये अपने बालों का त्याग करना बडा ही मुश्किल कार्य है।
दीप्ति ने अपनी भगवान मे आस्था व पति से अटूट प्रेम दिखा कर आजकल की तथाकथित टैटू गैंग को आइना दिखाने का काम किया है, साथ ही साबित किया है कि भारतीय नारी सम्पूर्ण विश्व मे सबसे श्रेष्ठ व पूजनीय है।।
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