
गोरखपुर लूट की घटना का 18 दिन बाद भी नहीं हुआ खुलासा,एडीजी ने चौरी चौरा में बैठक कर कहा गोरखपुर में कमजोर है पुलिस बीट सिस्टम
गोरखपुर जिले के चौरी चौरा में बीते 12 अगस्त की रात को असलहों से लैस बदमाशों ने एक फाइनेंश कम्पनी के ऑफिस से लगभग 4 लाख 10 हजार की लूट करके फरार हो गए थे.लगभग 18 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली है.हालांकि बदमाशों को पकड़ने के लिए कई टीमें लगाई गई है.बदमाशों की गिरफ्तारी न होने के कारण मंगलवार को एडीजी अखिल कुमार ने चौरी चौरा थाने पहुँचकर मामले में लगी टीमों से बात किया है.लौटने के समय एडीजी ने कहा है कि गांवो में बीट पुलिसिंग को मजबूत करने की जरूरत है.
बिहार गैंग से जुड़े है लूटेरे
चौरी चौरा के महदेवा में लूट में शामिल बदमाशों के बारे में पुलिस को बिहार राज्य के सिवान व गोपालगंज जिले में सक्रिय एक गैंग के सदस्यों पर शक है.अबतक तक के मिले जांच व सर्विलांस के मदद में पुलिस उन्ही पर शक कर रही है.एडीजी ने भी उधर ही इशारा किया है.हालांकि पुलिस ने गोरखपुर ,चौरी चौरा व आसपास के सभी जिलों में अपराध से जुड़े लोगों पर पैनी नजर रखा है सूत्रों की माने तो पिछले 15 दिनों में पुलिस ने दर्जनों लोगों से पुछताछ किया है.कई लोगो को उठाया भी गया था बाद में उनका रोल न दिखने के कारण छोड़ दिया गया.
फाइनेंस कंपनी के किसी सदस्य के मिले होने की प्रबल आशंका
चौरी चौरा के महादेवा गाव में 12 अगस्त की रात को जहाँ पर लूट की घटना को अंजाम दिया गया .वहाँ से कई चौकाने वाली बात सामने आई है.
–तीन दरवाजे के अंदर घुस कर बदमाशों ने टेबल पर रखे हजरों रुपयों को लूट कर हुए फरार.जो बिना सटीक रेकी के नही किया जा सकता है.
–घटना समय उस बीडिंग में कुल आठ कर्मचारियों की उपस्थिति बताई गई है
–सभी बदमाशों के हुलिया व कपड़े का रंग नहीं बता पा रहे है कर्मचारी
–चार लाख की लूट की बड़ी वारदात को लगभग 7 मिनट देर से पुलिस को सूचना देना जो अपने मे बड़ा समयअंतराल है
–लूट की इतनी बड़ी घटना में पुलिस की जांच कहा तक पहुँची इस बारे में जानकारी न लेना
पत्रकारों से इस मामले पर बात करते हुए एडीजी जोन अखिल कुमार ने बताया है कि मैंने टीम से बात किया है कि जांच कहा तक पहुँची है.बिहार के एक गैंग पर प्रबल आशंका हैं. जब तक कोई गिरफ्तारी न हो तब तक साफ नहीं कहा जा सकता है.एडीजी ने आगे कहा कि गोरखपुर में पुलिस बीट कमजोर है.इसको मजबूत करने के लिए कर्मचारियों को गावों में जनता के बीच जाना होगा.उनसे बेहतर संवाद कर अपराधियों की सूची तैयार करनी होगी.