*एनडीआरएफ ने आपदा मित्र आपदा सखी एवं विश्वविद्यालय केछात्रों को सिखाएंआपदा प्रबंधन के गुर ** किसी भी आपदा से निपटने के लिए सदैव तत्पर रहने वाली 11 वी वाहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कमांडेंट श्री मनोज कुमार शर्मा के निर्देशानुसार आज दिनांक 25 अप्रैल 2022 दिन सोमवार को DDMA गोरखपुर के संयुक्त तत्वाधान में राप्ती नदी के किनारे राजघाट पर एक दिवसीय बाढ आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। उक्त अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल( रिटायर्ड) श्री आर.पी. शाही उपाध्यक्ष आपदा प्रबंधन प्राधिकरण उत्तर प्रदेश ने कहा कि आपदा प्रबंधन बचाव हेतु संबंधित विभाग कार्य योजना बनाकर व्यवस्थाएं पूर्ण करें। जिससे कि समय आने पर उनकी उपयोगिता सिद्ध हो सके और जन-धन की हानि से बचा जा सके। बाढ़ पूर्व तैयारी कर लेने से बाढ़ से बचाव किया जा सकता है।
श्री शाही राप्ती नदी के किनारे आयोजित एक दिवसीय बाढ़ आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दैवी आपदा से बचाव के लिये सभी संबंधित विभाग आपसी तालमेल के साथ कार्य करें तो उसका परिणाम अच्छा होगा और लोगों को बडे़ जोखिम/नुकसान से बचाया जा सकता है। इस लिये इस कार्य को टीम भावना से करने की जरूरत है। एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट श्री पी. एल. शर्मा ने बताया कि किसी भी आपदा के समय में स्थानीय समुदाय ही पहला रिस्पांडर होता है। बाढ़ के दौरान समुदाय के लोगों को राहत व बचाव कार्यों के प्रति जागरूक एवं सक्षम बनाने के लिए समय-समय पर एनडीआरएफ टीम के द्वारा जागरूक किया जाता है। एनडीआरएफ टीम के द्वारा आपदा सखी एवं आपदा मित्रों को भी प्रशिक्षित किया गया।जिसे बाढ़ के दौरान आवश्यकता पड़ने पर राहत व बचाव दल के रूप में उपयोग किया जा सके । उन्होंने एनडीआरएफ की संरचना एवं कार्य शैली व आपदा प्रबंधन के विषय पर भी व्याख्यान दिए। इसी क्रम में एनडीआरएफ के मास्टर प्रशिक्षक निरीक्षक डीपी चंद्रा के द्वारा बाढ़ जैसी आपदा से बचाव के लिए आपदा से पूर्व और आपदा के दौरान अपनाई जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तृत जानकारी दि गयी । बाढ़ के दौरान जीवन सुरक्षा हेतु स्थानीय संसाधनों से निर्मित रक्षक जैकेट व और दूषित जल को घर पर फिल्टर करने का तरीका बताया ।मच्छरों से बचाव, सांप काटने पर प्राथमिक उपचार ,भूकंप भूस्खलन जैसी आपदाओं से घायल हुए व्यक्तियों को अस्पताल से पूर्व चिकित्सा के बारे में बताया । साथ ही इन आपदाओं में प्रयोग किए जाने वाले रेस्क्यू से फंसे हुए लोगों को निकालने एवं उन्हें प्राथमिक उपचार देने के बारे में बताया ।इसके अतिरिक्त चोट लगने पर प्राथमिक उपचार जैसे ड्रेसिंग बैंडेज ,खून का बहाव रोकना ,फैक्चर होना ,स्थायित्व प्रदान करना ,जीवनसाथी सीपीआर का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण भी दिया गया।अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार ने उक्त अवसर पर अश्वस्त किया कि आपदा प्रवंधन के बचाव हेतु बरती जाने वाली सावधनियो के संबंध में जो जानकारिया प्राप्त हुई है उसके लिये संबंधित विभागीय अधिकारियो को नियमत; पालन करने हेतु निर्देशित किया जायेगा। साथ ही कार्यो की लागातार समीक्षा भी की जायेगी। उन्होने कहा कि बाढ जैसी आपदा के समय किसी भी प्रकार की कोई जन/धन हानि न हो सके इसके लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा। इस कार्यशाला का संचालन जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने किया। उक्त कार्यशाला में DDMA गोरखपुर के कर्मचारी, आपदा मित्र, आपदा सखी एवं Ddu ke विद्यार्थी आपदा से निपटने के गुर सीखे। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रो. अर्जुन सिंह, सहित 68(56पुरुष, 12 महिला )लोग शामिल हुए।