 
                पिछले कुछ दिनों से मम्मी पापा मे झगड़े बढ़ गए थे।
पापा रोज ऑफिस से लेट आने लगे थे पिछले दो-तीन महीने से लगातार यही हो रहा था पहले पापा शाम को 6:00 बजे तक घर आ जाया करते थे मगर अब रात के 11:00 बज जाया करते थे।
मम्मी बार-बार पूछती थी।
मगर पापा लेट आने का कारण नहीं बताते थे।
धीरे-धीरे मम्मी को यह यकीन होने लगा था कि पापा का कहीं और चक्कर चल रहा है।
इसी बात को लेकर हमारा घर कलह का अड्डा बन गया था।
एक दिन मम्मी ने मुझसे कहा” जाओ आज पता लगा कर आओ तुम्हारा बाप ऑफिस से छुट्टी होने के बाद किस कलमुही के पास जाता है।
” पापा एक प्राइवेट कम्पनी मे 25_30 हजार रुपये महीने की नौकरी करते थे।
मै शाम को उनके ऑफिस की छुट्टी के समय पर उनके ऑफिस के आसपास रहकर ट्राई करने लगा।
सारे कर्मचारी अपने-अपने घर चले गए ऑफिस बंद हो गया ।
मगर पापा बाहर नहीं आए।
उस दिन पापा ऑफिस गए ही नही थे।
मैंने घर आकर मम्मी को बताया तो मम्मी बोली ” कल जब वह ड्यूटी पर जाए तब उनका पीछा करना ऑफिस जाते है या कहीं और।
अगले दिन मै बाईक से उनके पीछे लग गया।
वे ऑटो मे बैठकर शहर से बाहर जा रहे थे।
फिर सड़क के किनारे उतर कर एक ढाबे मे चले गए।
मै कई घण्टे बाहर खड़ा रहा। पापा बाहर नही निकले।
जब मैंने अंदर जाकर देखा तो दंग रह गया।
पापा ने पाजामा और बनियान पहन रखा था और आटा गूंध रहे थे। ये सब देखकर मेरी आँखों मे आँसू आ गए।
सूट बूट मे रहने वाले पापा को इस हालत मे देखकर मेरा दिल भर आया।
ज्यों ही पापा की मुझपर नजर पड़ी एक बार तो वो घबरा गए।
फिर मुझे करीब बुलाकर बोले ” तेरी मम्मी को मत बताना।
” नौकरी छुट गई है बेटा।
और कोई काम नही मिला तब ये सब कर रहा हूँ।
घर भी तो चलाना है ना।” मै उलटे पांव वापस आ गया।
मै मम्मी से कुछ न छुपा सका सब बता दिया। सुनकर मम्मी की आँख भी भर आई।
पापा ऐसे ही थे।
हमे कुछ भी बताना नही चाहते थे।
नौकरी जाने का दर्द भी उन्होंने अकेले झेला।
उस दिन के बाद मुझे नही पता मम्मी पापा के बीच क्या बात हुई? मगर हमारे घर मे कलह रुक गई।
मुझ पर तो इतना प्रभाव पड़ा कि उस दिन के बाद मै बिल्कुल बदल गया हूँ।
जिंदगी के यथार्थ को देख लिया है।
मैंने बाइक चलानी छोड़ दी।
यार दोस्तो के पास बैठकर टाइम पास करना बन्द कर दिया।
अब मै सारा वक़्त पढाई को देता हूँ।
बाप का सहारा बनना है।
उसके पसीने का मौल चुकाना है।
ये पापा ऐसे ही होते है।
सारा दर्द अकेले ही झेलते है।
फिर भी उफ्फ तक नही करते।
पता नही ये पापा ऐसे क्यों होते हैं।

 
                         
                     
  
  
  
  
  
  
                                     
                                     
                                     
                                    