#देवी
मैथिली ठाकुर बीजेपी से लड़ रही है खेसारी लाल यादव आरजेडी से दोनों की पहचान गायक के तौर पर ही है पर जिसने भोजपुरी को एक नई ऊंचाई प्रदान की उसे देवी को न बीजेपी ने याद किया और ना ही राजद ने।
देवी क्रांतिकारी टाइप की गायिका रही हैं उन्होंने कभी भी अश्लीलता से समझौता नहीं किया आज भी उनको सुनने वालों की तादाद ज्यादा है।
बिहार में उनका स्टेज शो आज भी सबसे महंगा है पारिवारिक और महोत्सव में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भी उन्हें याद किया जाता है।
छपरा शहर की पहचान भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर पूर्वी के जनक महेंद्र मिश्रा के कारण रहा बाद के वर्षों में लोक गायिका देवी ने भोजपुरी लोक संगीत को साफ-सुथरे ढंग से इस लेवल तक पहुंचाया।पिछले 20 वर्षों से निरंतर लोक संगीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच रही छपरा की देवी की आवाज की खनक उन्हें भीड़ से अलग करती है आज लंबे अरसे के बाद मुलाकात हुई ।
बात हुई गीत गवनई भी हुई। जिन विषयों पर बातचीत हुई है।
उसमें भोजपुरी के विकास भोजपुरी संगीत सिनेमा के विषय शामिल थे।
अश्लीलता दुअर्थी संवाद जैसे आरोपों को झेल रहे हैं भोजपुरी गीत संगीत में अगर किसी एक गायिका ने कभी भी अश्लील गाना नहीं गया तथा जिसका स्टारडम सदैव भोजपुरिया श्रोताओं दर्शकों के मन में रचा बसा रहा तो वह नाम है ।
भोजपुरी की लोकप्रिय लोक गायिका देवी का. भिखारी ठाकुर महेंद्र मिश्र जैसे भोजपुरी के युग पुरुषों के माटी सारण की अनमोल रत्न देवी ने उनकी विरासत को भी संभालने का काम किया है।
पद्मश्री शारदा सिन्हा ने भोजपुरी में जिस विरासत को खड़ा किया है, ।
उस विरासत को लोकगायिका देवी ने काफी हद तक संभालने की कोशिश की है।
जहां एक ओर अश्लील और द्विअर्थी गानों का बोलबाला है, वहीं देवी ने सफल होने के लिए इन चीजों से दूरी बनाई और सुगम लोकसंगीत के जरिए अपनी अलग पहचान कायम की।
मूल रूप से बिहार के छपरा जिले की रहने वाली देवी ने खुद के संघर्षों के बल पर अपना मुकाम स्थापित किया देश-विदेश में हजारों स्टेज शो कर चुकी देवी ने कभी भी अपनी पारंपरिक शैली को नहीं छोड़ा।
भोजपुरी में पारंपरिक और विरासत वाले गानों को अपने स्वर में सजाने वाली देवी के प्रशंसकों की तादाद करोड़ों में है.।
सफलता के सोपान पर पहुंचने के बाद भी अपनी सहजता व सुलभता के कारण देवी सदाबहार गायिका के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में सफल हुई है।