
100 साल से ज्यादा एक मालिक बर्दाश्त नहीं करती जमीन 😳
जब ये मकान बनना शुरू हुआ होगा तो घर वालों ने कितने शौक से बनाया होगा कितनी शिद्दत से इसकी सजावट की होगी। बीवी कहती होगी यहां ये डिज़ाइन बनाना है यहां पर ये दरवाज़ा लगना है और यहाँ पर ऐसी खिड़की रखनी है।
आह चले गए ना सब… यहां से सब को जाना है। ज़मीन और मकान के लिए न लड़ा करो मालिको।
ज़मीन 100 साल से ऊपर एक मालिक बर्दाश्त नहीं करती है।
मालिक बदलते रहते हैं कमाई की हद तय करो।
जीना सीखो एक उम्र के बाद अपनी मर्जी से कहीं जा भी नही सकोगे। आज खुद के लिए वक्त नहीं निकलता कल कहीं गिर ना जाओ कहीं खो ना जाओ नही पापा वहां नही जाना है आकर बीमार पड़ जाओगे। बच्चे भी फिर बहाना लगा देंगे । और अगर गलती से जिद्द कर के चले भी गए और कहीं चोट लग गई या बीमार हो गए तो वही बच्चे बहू सो ताने देने लगेंगे हमने तो पहले ही रोका था अब कौन करेगा इनका, बच्चे देखें या इन्हें। अगली बार से ऐसे करेंगे तो मैं नही करूंगी करके बहू भी पल्ला झाड़ लेगी।
जब तक जियो जी भर कर जियो। क्योंकि जिनके लिए जोड़ रहे हो कल वही तुम्हे आराम नही करने देंगे।
उनसे पूछ कर आराम करना होगा।
ये दुनियां एक नाटक है अपना किरदार निभाते चलो तुम इस नाटक का हिस्सा भर हो।
किसी बेतहाशा कमाने वाले से उसके अंतिम दिनों के समय पूछना क्या मिला जोड़ते जोड़ते सपने मारते मारते जीकर😊
वो कहेगा तजुर्बा यही कहता है खुद से पूछ कर करता हूं तो “ना” मिलती है
ना पूछ कर
कर दूं तो मानते नही हो आप ही का ताना
ये बाते आम हो जाती हैं एक उम्र के बाद। 😳