
*बड़ों का आशीर्वाद…….*
70 साल की एक बूढ़ी औरत जिसका नाम लक्ष्मी था, का पति हाल ही में स्वर्ग सिधार चुका था। लक्ष्मी का इस दुनिया में और कोई नहीं था, न बच्चे, न परिवार। पिछले कई दिनों से उसे घर खाली करने के लिए नोटिस पर नोटिस आ रहे थे।
लक्ष्मी ने अपने जानने वालों और रिश्तेदारों से कई बार मदद की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। कुछ लोग तो उसे देख कर ही रास्ता बदल लेते थे।
आखिरकार वो दिन भी आ गया जब फ्लैट के मालिक ने लक्ष्मी को घर खाली कराने के लिए कुछ सिक्योरिटी वाले भेज दिए। बूढ़ी लक्ष्मी उन्हें देख कर और भी डर गई। वह उनसे हाथ जोड़कर सिर्फ दो दिन की मोहलत मांगने लगी ताकि वह कहीं और ठिकाना ढूंढ सके।
लेकिन वे सिक्योरिटी वाले उसकी बात सुनने को तैयार नहीं थे। जब वे उसे धक्का मारने वाले थे, तभी पीछे से एक आवाज आई, “खबरदार जो किसी ने अम्मा को हाथ भी लगाया। इन्हें इनके घर से कोई नहीं निकाल सकता!”
सिक्योरिटी वाले हैरानी से उस आदमी को देखने लगे। तब उस आदमी ने फ्लैट के पेपर दिखाए जिन पर लक्ष्मी का नाम था। पेपर देखकर वे सिक्योरिटी वाले वहां से चले गए।
लक्ष्मी हैरान होकर उस आदमी से पूछी, “बेटा, मैंने तुम्हें नहीं पहचाना, लेकिन तुम आज मेरी जिंदगी में भगवान की तरह आए हो।”
उस आदमी ने बताया, “मांजी, 20 साल पहले आप और आपके पति मंदिर आए थे। वहां एक छोटा बच्चा आपसे पढ़ाई के लिए मदद मांग रहा था। आपके पति ने मना कर दिया था, लेकिन आपने अपने पास रखे सारे पैसे मुझे दे दिए थे। आपने मुझे आशीर्वाद और एक ताबीज दिया था, और कहा था कि मेहनत करो, भगवान तुम्हें जरूर कामयाबी देंगे।
मांजी, मैं वही बच्चा हूं जो आज एक एस्टेट एजेंट बन गया हूं। जब मैंने आपका नाम इस लिस्ट में देखा तो मैंने तुरंत यह घर खरीद कर आपके नाम कर दिया है।”
“मैं चाहता हूं कि अब यह ताबीज आपकी रक्षा करे, और अगर आप मेरे साथ रहेंगी तो मैं खुद को खुशनसीब समझूंगा।”
लक्ष्मी की आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे।
हमेशा अपने बड़े बुजुर्गो की इज्जत करें एक इंसानियत के नाते