सम्पादकीय
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किसी को कांटों से चोट पहुंची किसी को फूलों ने मार डाला!
जो बच गए इन मुसीबतों से उन्हे वसूलों ने मगर डाला??
वक्त है फूलों की सेज वक्त है कांटों का ताज कौन जाने किस घड़ी में वक्त का बदले मिजाज!इस पंक्ति को लिखने वाले ने हकीकत का अनुभव कर सच को सदियों पहले लिख दिया जो आज के परिवेश में भी यथार्थ बना हुआ है! उत्तर प्रदेश की सियासत में नफासत के साथ अपने लोगों की हिफाजत के लिए सियासी पार्टी बनाकर अपनी अलग पहचान बनाने का मंसूबा पालने वालों का हाल इतना बूरा होगा कोई सोचा भी नहीं था?।अन्सारी परिवार की बर्बादी का दौर चल रहा है!कभी माफिया डान मुख्तार का नाम हिन्दुस्तान में अदब से लिया जाता था! मगर वक्त ने तो तबाही मचा दिया! एक भाई सियासत की बागडोर पकड़े संरक्षण का सारथी बना हुआ था! वहीं दुसरा छोटा भाई माफिया डान के नाम का पैगाम समाज में भेजकर दहशत की खेती करता था।पुरानी कहावत है कि दशा दस साल! चलन चालीस साल तक ही बरकरार रहती है। फिर परिवर्तन की पछुआ हवा में पतझर शुरु हो जाता है!सब कुछ सूखे पत्ते के तरह धरातल पर गिर कर वजूद वीहीन हो जाता है!जो कभी उसी की छांव में आराम करते थे वक्त खेला देखिए वही पैरों से कुचलने लगते हैं! आजकल यही हालात माफिया डान के साथ हो रहा है!दो दशक से बिधायक होने के बाद भी जेल काट रहा है! वहीं पूरा परिवार धूल चाट रहा है?।खत्म हो गया रुआब! बर्बाद हो गया सियासी आगाज !जो कुछ बचा था अदालती आदेश ने पूरा कर दिया! गैंगस्टर एक्ट में माफिया डान मुख्तार को दस साल की सजा सांसद अफजाल अन्सारी को पांच साल की सजा खत्म हो गया परिवार का सियासी सफर !जीवन के हर लम्हे में भर गया जहर ही जहर!कभी बिहार में माफिया डान शहाबुद्दीन का बोलबाला था! दिन दहाड़े दो सगे भाईयों को सीवान शहर में जला डाला था!मगर वक्त ने जब हिसाब लेना शुरू किया तब न अपने साथ आए न पराए !घायल शेर की तरह तड़प तड़प कर जेल के सीखचों में से मौत मारा गया! न अब नाम रहा! न रूतबा! गुमनामी में जी रहा है सारा कूनबा!आजकल देश का परिवेश बदला हुआ है! खास कर उत्तर प्रदेश दहला हुआ है! डान हो या शैतान हो उसका अभिमान चूर किया जा रहा है!कभी अपराध की दुनियां का बेताज बादशाह अतीक अन्सारी जिसकी क्रूरता के किस्से चर्चाएं आम था का काम भी हो गया काम तमाम! सारा परिवार तबाह हो गया! खानदानी विरासत मिट्टी में मिल गया! सारे गुनाहों का हिसाब उपर वाले ने मिनटों में ले लिया! कुछ नहीं रह गया!न घर न परिवार! कल तक माफिया डान के सहयोगी रहे गायब हो गये सियासतदार!समय के समन्दर में वो सभी गर्त हो गए कभी जिनके नाम का सिक्का चलता था! देश के मशहूर तीन माफिया डानो में शूमार शहाबुद्दीन व अतीक को तो वतन की मिट्टी नसीब हो गई ! अब बाहुबली डान मुख्तार अन्सारी की बारी है! सरकार ने कर लिया सारी तैयारी है! कानूनी शिकंजा लगातार कसता जा रहा है! हर केस में मामला फंसता जा रहा है! कल तक शेर के तरह दहाडने वाला पिंजरे में बन्द आज अपनी ज़िन्दगी की सलामती की उपर वाले से दुआ मांग रहा है जो दुसरे की ज़िन्दगी मे तबाही करता था आज अकेले तन्हाई में आह भर रहा है।वक्त बे रहम हो चुका है! बुलन्दी का परचम सालों से झुका है! वक्त सबका बदलता है!बस अहम पाले इन्सान नही समझता है? हिन्दुस्तान की सियासत से अब अपराधियों का बोल बाला खत्म हो रहा है! अजब किस्म का परिवर्तन हो रहा है।
माफिया तो कोई अब शौकिया भी कहलाना नहीं चाहेगा?
बचेगा कोई नहीं!
चाहे किसी भी धर्म मजहब बिरादरी का हो!
हिसाब सबका चुकता होने वाला है?
उत्तर प्रदेश में सफाई अभियान जारी है!
सरकार की पूरी तैयारी है।
बस ये देखना है अब अगली किसकी बारी है। ——-??
सबका मालिक एक 🕉️साईराम
जय हिन्द🙏🏿🙏🏿

