अमूल्यरत्न न्यूज संवाददाता
लेख – शिवम् राज गोरखपुरी
चीन में हर रोज लगभग 2500 कुत्तो को मारकर………..
उनके चमडे़ को दुनिया भर में रेडिमेड कपडो़ कीं डिजाइनिंग में इस्तमाल के लिये सप्लाई किया जाता है, हलीवुड अभिनेता “जैकलिन फोनिक्स ने इन कुत्तो के मांस को विश्व में नानवेज परोसने वाली कम्पनीयो पर इसके प्रयोग का शक भी जाहिर किया है. भारत मे KFC नानवेज खाने वालो के लिये पसंदीदा जगह बनता जा रहा है, जहा केवल मुर्गी और उनके बच्चो को ही नही बल्कि विश्व भर के दुर्लभ पक्षीयो को स्वाद के ग्लेमर के साथ परोसा जाता है, Peta का कहना है कि दुनिया में KFC के लिये हजारो करोड़ रूपये के दुर्लभ पक्षीयो का कत्ल कर दिया जाता है, जहा तक अपने देश की बात है सन 1990 के दशक में KFC को अपने 36 आउट लेट खोलने की अनुमति दी गई थी जिसकी शुरूआत बंगलूरू से सन1995 से हुई थी और आज पुरे भारत में KFC के सेकडो़ आउटलेट है जिनका ट्रनओवर 6000करोड़ के पार पहुचँ चुका है, आज भारतीय समाज में इन हाईप्रोफाल आउटलेट मे नानवेज खाना एक स्टेटस सिम्बल बनता जा रहा है, वही नानवेज परोसने वाली इन कम्पनी के आउट लेट की लाईन में लगे ये लोग स्वाद के चक्कर मे एक तरफ जहा अपने पेट को इन मासुम पक्षीयो का कब्रगाह बनाने पर उतारू है वही दुसरी और शायद इस बात से अनभिज्ञ है कि ये नानवेज कम्पनी अपने उत्तपाद के स्वाद को बढाने के लिये धडल्ले से कितने खतारनाक कैमिकल्स का प्रयोग कर रही है और नानवेज की लाईन में खडे अपनी बारी का इंतजार करती इस भीड़ के स्वास्थय पर भी उसी धडल्ले से इसका प्रभाव भी पड रहा है, इनके स्वाद बढाने के लिये एक कैमिकल्स “मोनो सोडियम ग्लूकोनेट” का इस्तमाल भी अच्छी खासी मात्रा मे किया जा रहा है जिससे ने केवल आपका दिल और दिमाग इस केमिकल की गिरफ्त में आ रहा है,वही आपकी आँतो की बिमारी आई.बी.एस (IBS) को भी ये बढावा दे रहा हे, FDA. (फूड एंड ड्रग एडमिस्ट्रेशन का तो यहा तक मानना है कि साईलेंट हाईब्लडप्रेशर की मुख्य वजह स्वाद बढाने में इस्तमाल होने वाले ये कैमिकल्स ही है, अब स्वाद आपका, पेट आपका और कब्रगाह इन मासूम पक्षीयो का…
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