चुनार मिर्जापुर में मिलावट खोरों का आतंक………
चुनार में जहां एक तरफ एसडीएम नवनीत सेहरा द्वारा छापेमारी की जारही थी आपरेशन में शामिल कर्मचारी उसी मिलावटी खोए को जिसको दफन किया गया वह अपनी गाड़ी में चुरा कर रख रहे हैं !
कहां तक याह सही है………..
जायज है या नाजायज है…………..
अधिकारियों का किस तरह से विवेक काम कर रहा है कि वह जो है चुनार मंडी के सारे खोवे को सब धन 22 पसेरी वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं क्या यह इनको संवैधानिक अधिकार दिया गया है ………………
इनके पास कौन सी ऐसी मशीन जांच करने की है जिससे उन्होंने तत्काल जांच लिया कि मंडी में मौजूद संपूर्ण खोवा मिलावटी है जैसे कि एसडीएम साहब ने बाइट में कहा है खोवे पर फंगस लगा हुआ मिलावटी था,तो क्या पूरईमंडई में मिलावटी खोवा ही बिकता है खोवे कि समय-समय पर कितनी बार जांच की जा चुकी है अधिकारियों द्वारा। या कितना नुकसानदायक था मंडी में मौजूद खोवा जिसे कर्मचारी चुरा कर रख रहे थे होली में गुजिया बनाकर खाने के लिए। क्या मिर्जापुर की और किसी मंडी में खोवा पकड़कर जप्त करके दफन किया गया जबकि खोवा की सबसे अधिक किसानों द्वारा व्यवसायियों द्वारा खोवे का निर्माण करके चुनार मंडी में ही सबसे अधिक मात्रा में लाकर बेचा जाता है वहीं से होगा आप बहुत सी जगह मंडियों में लोग ले जाते हैं बेचते हैं जबकि वही चुनार मंडी का खोवा अन्य मंडियों में बेचा जा रहा है क्या वहां पर उसको हुए कई जांच किया गया या डुप्लीकेट पाया गया नकली पाया गया मिलावटी पाया गया इस तरह का कोई प्रकरण अभी जिले में नहीं आया है परंतु सी जगह पर चुनार मंडी में मौजूद वहां के उच्च अधिकारी गण जो पदस्थ हैं उन्होंने एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला लिया की मंडी के सारे खोवे को एक तरफ से एक तरफ परेड ग्राउंड में गड्ढा खोदवाकर जेसीबी के द्वारा कई कुंतल खोलें को दफन करवा दिया गया यह कौन सा किसानों के हित में या व्यवसायियों के हित में या जनता के हित में जो तत्काल त्वरित फैसला लिया गया क्या यह फैसला कार्रवाई आम जनता को राहत देगी आम जनता के हित में है यदि मंडी का समस्त संपूर्ण खोड़ा खराब था मिलावटी था क्या इसकी शिकायत किसी ग्राहक उपभोक्ता के द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को किया गया था क्या उसको को खाकर कोई व्यक्ति बीमार या हॉस्पिटल में भर्ती हुआ था हम फेसबुक के माध्यम से चुनार की आम जनता से खोया मंडी के समस्त व्यवसाई एवं किसान भर के लोगों से जो खोवा को दिन रात मेहनत करके बनाते हैं और लोगों को बाजार में खाने के लिए उपलब्ध कराते हैं जिस दिन छापेमारी पड़ी थी या उससे एक हफ्ते पहले क्या चुनार मंडी में उपलब्ध खोवे को खाकर कोई व्यक्ति बीमार पड़ा या किसी ने किसी उपभोक्ता का ग्राहक ने शासन प्रशासन को कहीं कोई शिकायत भेजी है चुनार मंडी में बिक रहा खोवा मिलावटी है और मैं वहां के व्यवसायियों से जानना चाहूंगा क्या मंडी में सभी लोग खराब मिलावटी खोवा ही भेजते हैं पूरी मंडी में कोई भी सही खोवा बेचने वाला व्यक्ति उस दिन नहीं पाया क्या ऐसा क्यों इस प्रश्न का उत्तर में वहां के स्थानीय व्यवसायियों निवासियों ग्राहकों और ग्रामीण किसानों से जानना चाहूंगा पूछना चाहूंगा क्या चुनाव मंडी में वास्तव में उस दिन किसी भी व्यवशायी का खोवा शुद्ध नहीं था। मैं सभी खोवा व्यवसायियों से जानना चाहूंगा कितने लोगों का खोवा सैंपल के लिए भेजा गया और आपको अधिकारी जिन्होंने आपका सैंपल लिया और आपको बताया और आपको जानकारी दिया कि आपका खोवा सैंपल के लिए भेजा जा रहा है क्या ऐसा उस दिन की छापेमारी में व्यवसायियों को बताया गया आपका सैंपल जांच के लिए भेजा जा रहा है आपका नाम मोबाइल नंबर पता एड्रेस शासन प्रशासन के द्वारा नोट किया गया आप लोगों को प्रशासन और शासन के वहां मौजूद कर्मचारियों अधिकारियों के द्वारा आप लोगों को बताया गया यदि नहीं बताया गया तो ऐसा किन कारणों से किन परिस्थितियों में ऐसा ऐतिहासिक फैसला लिया गया और होली आने से पहले व्यवसायियों को किसानों को मौजूदा ग्रामीणों को मौजूद अधिकारी कर्मचारियों द्वारा इस तरह की तमन्नात्मक करवाई क्यों की गई। क्या वास्तव में बिक रहा खोवा मंडी के समस्त व्यवसाई मिलावटी खोवा ही बेचते हैं जबकि या व्यवसाय कई वर्षों से चुनार में किया जा रहा है क्या क्या खोवा खाकर पिछले वर्षों में कोई उपभोक्ता या ग्राहक खोवा खाकर बीमार हुआ या मरणासन्न की स्थिति में पहुंच गया यदि मेरे इन शब्दों में कहीं कोई कटु वचन या किसी को ठेस पहुंच रहा हूं तुम मेरे मोबाइल नंबर पर मुझ से वार्ता टेलीफोनिक वार्ता कर सकता है। और यदि फेसबुक पर मेरे इन विचारों से जो सहमत हो उनको लगता हूं जनता के साथ व्यवसायियों के साथ गलत हुआ है और कोई खोवे की छापेमारी से संबंधित किसी भी तरह की कोई भी सूचना हो वीडियो हो तो मेरा मोबाइल नंबर 99 56 93 6240 यह कॉलिंग और व्हाट्सएप दोनों है भेजने का कष्ट करें और यथोचित कोई भी जानकारी हो चाहे सकारात्मक हो या नकारात्मक हो मुझे बतलाने का एक बार कष्ट अवश्य करें।
रवींद्र कुमार जयसवाल मानव सेवा संस्था जिलाध्यक्ष मिर्जापुर।

