
👉 अमूल्यरत्न न्यूज संवाददाता
👉 पाकिस्तान आर्थिक संकट और आतंकवाद से हिले पाकिस्तान का संकट इमरान खान ने और बढ़ाया
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान सरकार का संकट और बढ़ा दिया है।
जिस समय शहबाज शरीफ सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मंजूर ऋण की रकम पाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है,
इमरान खान ने अगले बुधवार से जेल भरो आंदोलन शुरू करने का एलान कर दिया है।
खान ने राची में पुलिस कार्यालय पर हुए आतंकवादी हमले के बावजूद इस कार्यक्रम की घोषणा की है,
ताजा हमले से सारा देश दहला हुआ है।
इमरान खान ने कहा है कि उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है।
उन्हें ‘झूठे मामलों’ में फंसा कर जेल में डाला जा रहा है।
इसलिए अब उनकी पार्टी खुद जेल भरने का अभियान शुरू करेगी।
उन्होंने कहा- ”हम जेलों को इस हद तक भर देंगे कि अधिकारियों के पास छिपने तक की जगह नहीं बचेगी।’
वीडियो लिंक के जरिए एक रैली को संबोधित करते हुए खान ने चेतावनी दी कि शहबाज शरीफ सरकार को दमन की नीति के खिलाफ उनकी पार्टी सारे देश में जेल भरो आंदोलन चलाएगी।
हाल में पीटीआई के कई नेताओं पर देशद्रोह के मामले दर्ज किए गए हैं।
उनमें से अनेक नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया है।
गिरफ्तार किए गए नेताओं में फव्वाद चौधरी,
आजम स्वाती,
और शहबाज गिल शामिल हैं।
इमरान खान ने कहा- ‘सरकार हमें जेल भेजने की धमकी दे कर गुलाम बनाना चाहती है।’
उन्होंने आरोप लगाया कि मुल्तान में पुलिस पीटीआई कार्यकर्ताओं के घर-घर जाकर उन्हें धमका रही है।
इस बीच राष्ट्रपति आरिफ अल्वी का मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ टकराव खड़ा होता दिख रहा है।
अल्वी ने निर्वाचन आयोग को पंजाब और खैबर पख्तूनवा प्रांतों में असेंबली चुनाव के कार्यक्रम का तुरंत एलान करने का आदेश दिया था।
लेकिन अब अल्वी ने आरोप लगाया है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा उनके निर्देश की अवहेलना कर रहे हैं।
इसे देखते हुए उन्होंने राजा को सोमवार को मिलने के लिए बुलाया है।
सिकंदर सुल्तान राजा को एवान-ए-सदर (राष्ट्रपति भवन) पहुंचने का निर्देश दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक बातचीत के दौरान राष्ट्रपति मुख्य निर्वाचन आयुक्त को बताएंगे कि निर्वाचन अधिनियम 2017 के तहत निर्वाचन आयोग के साथ राय-मशविरा करते हुए चुनाव कार्यक्रम का एलान करने का अधिकार राष्ट्रपति को है।
इसलिए इस मामले में उनके आदेश की अवहेलना नहीं की जा सकती।
आरिफ अल्वी पीटीआई के नेता रहे हैं। उन्हें इमरान खान के शासनकाल में राष्ट्रपति बनाया गया था।
समझा जाता है कि अभी भी अपनी पार्टी के प्रति उनकी वफादारी बनी हुई है।
पंजाब में पीटीआई समर्थित और खैबर पख्तूनवा में पीटीआई की प्रांतीय सरकार थी।
नया चुनाव कराने के लिए पीटीआई ने असेंबली भंग करा दी।
लेकिन आरोप है कि चुनाव आयोग नए चुनाव का कार्यक्रम घोषित करने मे टाल-मटोल कर रहा है।
पीटीआई देश में तुरंत आम चुनाव कराने के लिए लगातार अभियान चला रही है।
इसी अभियान को आगे बढ़ाते हुए उसने अपनी प्रांतीय सरकारें गिरा लीं।
पीटीआई की रणनीति के तहत खैबर पख्तूनवा की असेंबली 14 जनवरी को और पंजाब की असेंबली 18 जनवरी को भंग कर दी गई थी।
लेकिन उनके नए चुनाव का कार्यक्रम अभी तक घोषित नहीं किय गया है।