मान सरकार से नाराज HC ने केंद्र के आंकड़ों का हवाला दे कहा-
पंजाब में डॉग बाइट के केस देश में सबसे ज्यादा आप ने क्या एक्शन लिया, रिपोर्ट दे
वर्ष 2022 में जनवरी से अक्टूबर तक पंजाब में डॉग बाइट के 10 हजार से ज्यादा मामले सामने आए, मतलब…राज्य में हर माह 1 हजार से ज्यादा मामले. आंकड़े बताते हैं कि पंजाब में देश में सबसे ज्यादा डॉग बाइट के मामले सामने आए हैं, इसमें भी 30% से ज्यादा शिकार 14 साल से कम आयु के बच्चे रहे.
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के पशुपालन विभाग के इन आंकड़ों के साथ पंजाब सरकार और एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया से पूछा है कि डॉग बाइट के खतरे को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं. जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने एनिमल वेलफेयर बोर्ड के उस कम्युनिकेशन पर रोक लगा दी, जिसमें याची की स्वयं सेवी संस्था कम्पैशन फॉर एनीमल्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से एनिमल बर्थ कंट्रोल स्ट्रेलाइजेशन और एंटी रैबीज प्रोग्राम पर रोक लगा दी गई थी.
वहीं, हालात हाईकोर्ट में बताए गए आंकड़ों से भी ज्यादा चिंताजनक है. पंजाब के हेल्थ डिपार्टमेंट के अनुसार, पिछले 5 साल में राज्य में 6,50,904 लोग आवारा कुत्तों के काटने से घायल हुए हैं. वहीं पिछले साल यानि वर्ष 2022 में ही 1,65,119 लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा है, यह आंकड़ा पिछले 5 साल में सबसे अधिक है. पंजाब में नगर निगम व नगर कौंसिलों में हर साल लगभग 5 करोड़ का बजट आवारा कुत्तों की नसबंदी करने पर खर्च हो रहा है.

