
राजस्थान में ACB का विवादित आदेश, अब CM गहलोत का बयान- मैं कानून से बंधा हूं, वर्ना रेपिस्ट और हत्यारों के सिर मुंडवाकर उन्हें बाजार में घुमाऊ
देश में भ्रष्टाचार के मामलों में रिकॉर्ड बना रहे राजस्थान में अब गहलोत सरकार भ्रष्टाचारियों के साथ खड़ी हो गई है. राजस्थान सरकार के एंटी करप्शन ब्यूरो ने आदेश निकाला है कि किसी भी भ्रष्टाचारी, भले ही वो रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ा जाए या घरों में नोटों का बंडल मिले, उसका नाम, पता और तस्वीर तब तक नहीं उजागर की जाएगी, जब तक कोर्ट से दोषी साबित न हो जाए.
इस मामले को लेकर राजस्थान सरकार का कहना है कि यह आदेश भ्रष्टाचारियों के मानवाधिकार की रक्षा के लिए निकाला गया है, जबकि हकीकत यह है कि खुद सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ 61 फीसदी मामलों में मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं देती है, ऐसे में सजा कहां होगी.
रंगे हाथों घूस लेते पकड़े जाने के बाद भागकर घर का दरवाजा बंद कर चूल्हे पर नोटों के बंडल जला रहे सरकारी अधिकारी नाम-पता और फोटो छापना गुनाह है, क्योंकि राजस्थान सरकार का मानना है कि अफसर की ऐसी करतूत को दिखाने और बताने से उसके मानवाधिकार का हनन हो रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विभाग के मुखिया हेमंत प्रियदर्शी ने एंटी करप्शन विभाग का पद संभालते ही आदेश निकाला है.
राजस्थान पुलिस के एडीजी अब अपने बचाव में कह रहे हैं कि यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश की पालना में हमने निकाला है, जबकि ऐसा नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने केवल पद के दुराचरण और आय से अधिक संपत्ति के बारे में आदेश दिया था. एसीबी रंगे हाथों ट्रैप की कार्रवाई करती है, जिस पर यह आदेश नहीं था. अब मुख्यमंत्री गहलोत कह रहे हैं कि यह तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश है. मेरा बस चले तो मैं तो रेपिस्ट का सिर मुंडवाकर बाजार में घुमाऊं.