
*फर्जी आईएएस बनकर 150 लोगों से 80 करोड़ ठगने वाला ठग गिरफ्तार,वकील ने दर्ज कराया मुकदमा*
स्थानीय संवाददाता…….
लखनऊ……..
गुजरात कैडर का आईएएस अधिकारी बनकर 150 लोगों से 80 करोड़ रुपये की ठगी करने वाला पकड़ा गया।
झारखंड के बोकारो का रहने वाला डाॅक्टर विवेक मिश्र को चिनहट पुलिस ने गिरफ्तार किया।
विवेक और उसकी दो बहनों के खिलाफ चिनहट थाने में 2019 में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया था।
इसकी विवेचना सीबीसीआईडी कर रही है।
चिनहट थाना प्रभारी दिनेश चंद्र मिश्र ने बताया कि गोमतीनगर विकल्पखंड निवासी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता डाॅक्टर आशुतोष मिश्र आरोपी विवेक और उसकी दो बहनों निधि व विधि मिश्र के खिलाफ 24 जुलाई 2019 को चिनहट थाने में धोखाधड़ी, जालसाजी और धमकाने का केस दर्ज कराया था।
पहले केस की विवेचना आर्थिक अपराध संगठन को दी गई थी।इसके बाद शासन ने विवेचना को सीबीसीआईडी को ट्रांसफर कर दी थी।
सीबीसीआईडी में तैनात इंस्पेक्टर रमेश चंद्र तिवारी इस केस की जांच कर रहे थे।
थाना क्षेत्र ने बताया कि बृहस्पतिवार को पुलिस ने कमता इलाके से आरोपी विवेक मिश्र को गिरफ्तार किया।
केस में नामजद विवेक की बहनों की भूमिका की जांच सीबीसीआईडी कर रही है।
चिनहट थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी विवेक खुद को 2014 बैच का आईएएस अधिकारी बताता था।
वह खुद को गुजरात सरकार में सचिव के पद पर तैनात होने का झांसा देकर लोगों को अपने जाल में फंसाता था।
इतना ही नहीं आरोपी अपनी बहनों को गुजरात कैडर की आईपीएस अधिकारी बताता था।
थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी ने सोशल मीडिया पर कई फर्जी अकाउंट बना रखे थे।
सोशल मीडिया के माध्यम से वह खासकर सीधी-साधी युवतियों को अपने जाल में फंसाता था।
युवतियों से शादी का प्रस्ताव देकर उनके परिवार के लोगों से नजदीकियां बनाकर आरोपी उन लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता था।
शिकायकर्ता अधिवक्ता आशुतोष मिश्र ने आरोपी का राजफाश करने के लिए अपने जूनियरों के साथ मिलकर छानबीन की तो पता चला कि आरोपी ने 150 लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर 80 करोड़ रुपये की ठगी का अंजाम दिया।
पीड़ित ने आरोपी की सच्चाई का पता लगाने से अपने चार जूनियरों को नौकरी दिलाने के लिए संपर्क किया था।
आरोपी ने किसी को गुजरात सरकार में जनसंपर्क अधिकारी और कुछ को स्पोर्ट्स कोटे से डिप्टी एसीपी की नौकरी दिलाने की बात कहते हुए 4.5 लाख रुपये ऐंठे थे और उन लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिया था।