
ओंकारेश्वर व ममलेश्वर महादेव के दर्शन
का महात्म्य व उनसे जुड़ी कुछ कहानियां ।
ओंकारेश्वर का निर्माण नर्मदा नदी से स्वतः ही हुआ है। यह नदी भारत की पवित्रतम नदियों में से एक है ।
भाजपा सरकार के आने के बाद अब इस पर विश्व का सर्वाधिक बड़ी बांध परियोजना का निर्माण हो रहा है। जिससे आगामी दिनों में इस क्षेत्र का महत्व और बढ़ने वाला है ।
जिस ओंकार शब्द का उच्चारण सर्वप्रथम सृष्टिकर्ता विधाता के मुख से हुआ, वेद का पाठ इसके उच्चारण किए बिना नहीं होता है। इस ओंकार का भौतिक विग्रह ओंकार क्षेत्र है।
इसमें 68 तीर्थ हैं। यहाँ 33 कोटि देवता परिवार सहित निवास करते हैं तथा 2 ज्योतिस्वरूप लिंगों सहित 108 प्रभावशाली शिवलिंग हैं।
मध्यप्रदेश में देश के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से 2 ज्योतिर्लिंग विराजमान हैं। एक उज्जैन में महाकाल के रूप में और दूसरा ओंकारेश्वर में ओम्कारेश्वर- ममलेश्वर के रूप में विराजमान हैं।
मध्य प्रदेश के इन दोनों ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से सारे पाप धुल जाते हैं ।
महादेव से सम्पूर्ण विश्व के कल्याण की कामना करता हूं । …………………………. अबोध बालक