
चैन से मर भी नहीं सकते
😢😢
dedicated to all “WOMEN”
मैं थोड़ी परेशान थी क्योंकि, शाम से ही मेरे के सीने में बायीं तरफ हल्का दर्द था।
लेकिन इतने दर्द को तो हम महिलाएँ, चाय में ही घोलकर पी जाती हैं।
मैंने भी यही सोचा कि, शायद कोई हल्का फुल्का झटका आया होगा और रात के खाने की तैयारी में लग गई।
किचन निपटाकर सोने को आई तब पति को बताया।
पति ने दर्द की दवा लेकर आराम करने को कहा।
साथ ही ज्यादा काम मत किया करो बोलकर मीठी झिड़की भी दी।
देर रात को अचानक फिर दर्द बढ़ गया। साँस लेने में भी उसे तकलीफ होने लगी।
“ कहीं ये हार्ट अटैक तो नहीं !
” : ऐंसा विचार मन में आते ही मैं पसीने से भर उठी।
“ हे भगवान! पालक-मेथी तो साफ ही नहीं किए, मटर भी छिलने बाकी थे। ऊपर से फ्रीज में मलाई का भगोना भी पूरा भरा रखा हुआ है, आज मक्खन निकाल लेना चाहिए था। अगर मर गई तो लोग कहेंगे कि, कितना गंदा फ्रीज कर रखा था। कपड़े भी प्रेस को नहीं डाले। चावल भी खत्म हो रहे हैं, आज बाजार जाकर राशन भर लेना चाहिए था। मेरे मर जाने के बाद जो लोग बारह दिनों तक यहाँ रहेंगे, उनके पास तो मेरे मिसमैनेजमेंट के कितने सारे किस्से होंगे। ”
अब मैं सीने का दर्द भूलकर काल्पनिक अपमान के दर्द को महसूस करने लगी।
“ नहीं नहीं भगवान! प्लीज आज मत मारना। आज ना तो मैं तैयार हूँ और ना ही मेरा घर। ”
यही प्रार्थना करते-करते मैं कब गहरी नींद में सो गई पता ही नहीं चला। सुबह जागी और फिर गृहकार्य में लग गई।
👆🏻This is real responsibility of a lady.
” चैन से मर भी नहीं सकती….🤔🙄😏🙂😥