
जब मैं बूढ़ा हो जाऊँगा!
जब मैं बूढ़ा हो जाऊँगा,
एकदम जर्जर बूढ़ा,
तब तू क्या थोड़ा मेरे पास रहेगा?
मुझ पर थोड़ा धीरज तो रखेगा न?
मान ले,
तेरे महँगे काँच का बर्तन मेरे हाथ से अचानक गिर जाए या फिर मैं सब्ज़ी की कटोरी उलट दूँ टेबल पर,
मैं तब बहुत अच्छे से नहीं देख सकूँगा न!
मुझे तू चिल्लाकर डाँटना मत प्लीज़! बूढ़े लोग सब समय ख़ुद को उपेक्षित महसूस करते रहते हैं,
तुझे नहीं पता?
एक दिन मुझे कान से सुनाई देना बंद हो जाएगा,
एक बार में मुझे समझ में नहीं आएगा कि तू क्या कह रहा है,
लेकिन इसलिए तू मुझे बहरा मत कहना!
ज़रूरत पड़े तो कष्ट उठाकर एक बार फिर से वह बात कह देना या फिर लिख ही देना काग़ज़ पर।
मुझे माफ़ कर देना,
मैं तो कुदरत के नियम से बुढ़ा गया हूँ,
मैं क्या करूँ बता?
और जब मेरे घुटने काँपने लगेंगे, दोनों पैर इस शरीर का वज़न उठाने से इनकार कर देंगे,
तू थोड़ा-सा धीरज रखकर मुझे उठ खड़ा होने में मदद नहीं करेगा,
बोल?
जिस तरह तूने मेरे पैरों के पंजों पर खड़ा होकर पहली बार चलना सीखा था,
उसी तरह?
कभी-कभी टूटे रेकॉर्ड प्लेयर की तरह मैं बकबक करता रहूँगा,
तू थोड़ा कष्ट करके सुनना।
मेरी खिल्ली मत उड़ाना प्लीज़।
मेरी बकबक से बेचैन मत हो जाना।
तुझे याद है,
बचपन में तू एक गुब्बारे के लिए मेरे कान के पास कितनी देर तक भुनभुन करता रहता था,
जब तक मैं तुझे वह ख़रीद न देता था,
याद आ रहा है तुझे?
हो सके तो मेरे शरीर की गंध को भी माफ़ कर देना।
मेरी देह में बुढ़ापे की गंध पैदा हो रही है।
तब नहाने के लिए मुझसे ज़बर्दस्ती मत करना।
मेरा शरीर उस समय बहुत कमज़ोर हो जाएगा,
ज़रा-सा पानी लगते ही ठंड लग जाएगी।
मुझे देखकर नाक मत सिकोड़ना प्लीज़!
तुझे याद है,
मैं तेरे पीछे दौड़ता रहता था क्योंकि तू नहाना नहीं चाहता था?
तू विश्वास कर,
बुड्ढों को ऐसा ही होता है।
हो सकता है एक दिन तुझे यह समझ में आए,
हो सकता है,
एक दिन!
तेरे पास अगर समय रहे,
हम लोग साथ में गप्पें लड़ाएँगे,
ठीक है?
भले ही कुछेक पल के लिए क्यों न हो।
मैं तो दिन भर अकेला ही रहता हूँ,
अकेले-अकेले मेरा समय नहीं कटता।
मुझे पता है,
तू अपने कामों में बहुत व्यस्त रहेगा,
मेरी बुढ़ा गई बातें तुझे सुनने में अच्छी न भी लगें तो भी थोड़ा मेरे पास रहना।
तुझे याद है,
मैं कितनी ही बार तेरी छोटे गुड्डे की बातें सुना करता था,
सुनता ही जाता था और तू बोलता ही रहता था,
बोलता ही रहता था।
मैं भी तुझे कितनी ही कहानियाँ सुनाया करता था, तुझे याद है?
एक दिन आएगा जब बिस्तर पर पड़ा रहूँगा,
तब तू मेरी थोड़ी देखभाल करेगा?
मुझे माफ़ कर देना यदि ग़लती से मैं बिस्तर गीला कर दूँ,
अगर चादर गंदी कर दूँ,
मेरे अंतिम समय में मुझे छोड़कर दूर मत रहना,
प्लीज़!
जब समय हो जाएगा,
मेरा हाथ तू अपनी मुट्ठी में भर लेना।
मुझे थोड़ी हिम्मत देना ताकि मैं निर्भय होकर मृत्यु का आलिंगन कर सकूँ।
चिंता मत करना,
जब मुझे मेरे सृष्टा दिखाई दे जाएँगे,
उनके कानों में फुसफुसाकर कहूँगा कि वे तेरा कल्याण करें।
तुझे हर अमंगल से बचायें।
कारण कि तू मुझसे प्यार करता था,
मेरे बुढ़ापे के समय तूने मेरी देखभाल की थी।
मैं तुझसे बहुत-बहुत प्यार करता हूँ रे,
तू ख़ूब अच्छे-से रहना।
इसके अलावा और क्या कह सकता हूँ,
क्या दे सकता हूँ भला। ■
🥺
_____________