
बैशाख मास की विनायक चतुर्थी कल 04 मई दिन बुधवार को है. सर्वार्थ सिद्धि योग में विनायक चतुर्थी व्रत सफलता देने वाली है. जानते हैं विनायक चतुर्थी व्रत के पूजा मुहूर्त के बारे में.
वैशाख मास की विनायक चतुर्थी कल 04 मई दिन बुधवार को है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग में है विनायक चतुर्थी है, जो समस्त कार्यों में सफलता और सिद्धि प्रदान करने वाली है. यह मई 2022 की पहली चतुर्थी है. प्रत्येक हिंदी माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. इस दिन विघ्न, विपत्तियों और संकटों को दूर करने वाले प्रथम पूज्य श्री गणेश जी की आराधना की जाती है. गणपति की कृपा से सभी संकट और कष्ट दूर हो जाते हैं. जो लोग विनायक चतुर्थी का व्रत रखते हैं, वे पूजा के समय चतुर्थी व्रत कथा का पाठ या श्रवण अवश्य करते हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं विनायक चतुर्थी व्रत के पूजा मुहूर्त के बारे में.
विनायक चतुर्थी पर सर्वार्थ सिद्धि योग
पंचांग के अनुसार, इस बार वैशाख शुक्ल चतुर्थी की शुरुआत 04 मई दिन बुधवार को प्रात: 07 बजकर 32 मिनट से हो रही है, यह तिथि अगले दिन 05 मई दिन गुरुवार को सुबह 10 बजे तक मान्य है. व्रत, पूजा पाठ आदि के लिए उदयातिथि मान्य होती है, इस आधार पर चतुर्थी तिथि 04 मई को है. इस दिन विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाएगा और पूजा होगी.
विनायक चतुर्थी को पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है. इस योग में आप जो भी शुभ एवं मांगलिक कार्य करते हैं, वह सफल होता है. इस दिन रवि योग भी पूरे ही दिन है. हालांकि इस दिन अभिजित मुहूर्त नहीं है. 04 मई को आप कोई नया काम शुरु करना चाहते हैं, तो कर सकते हैं. इस दिन सुकर्मा योग शाम को 05 बजकर 07 मिनट से प्रारंभ हो रहा है.
चतुर्थी पूजा का मुहूर्त
04 मई को विनायक चतुर्थी पर गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त 02 घंटा 40 मिनट के लिए ही है. इस दिन आप सुबह 10 बजकर 58 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट के बीच गणेश जी की पूजा कर सकते हैं. विनायक चतुर्थी की पूजा दिन में करते हैं. इस दिन चंद्रमा का दर्शन करना वर्जित माना गया है. इस दिन चंद्रमा देखने से झूठा कलंक लगता है.
चतुर्थी के दिन राहुकाल दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से दोपहरा 01 बलकर 58 मिनट तक है. इस अवधि में पूजा पाठ आदि करने से बचना चाहिए.