
*गधे ने बाघ से कहा, घास नीली है*
*बाघ ने कहा, घास हरी है*
*”विवाद बढ़ता गया फिर दोनों के बीच चर्चा तेज हो गई”*
*दोनों ही अपने-अपने शब्दों में दृढ़ हैं….*
*इस विवाद को समाप्त करने के लिए दोनों जंगल के राजा शेर के पास गए……..!*
*पशु साम्राज्य के बीच में सिंहासन पर बैठा एक शेर था …!*
*बाघ के कुछ कहने से पहले ही गधा चिल्लाने लगा, महाराज, घास नीला है ना ?*
*”शेर ने कहा हाँ, घास नीली है”*
*”गधा”,*
*ये बाघ नहीं मान रहा, उसे ठीक से सजा दी जाए!!*
*शेर राजा ने घोषणा की बाघ को एक साल की जेल होगी, राजा का फैसला गधे ने सुना और वह पूरे जंगल में खुशी से झूम रहा था …..!*
*बाघ को एक साल की जेल की सजा सुनाई गई, बाघ शेर के पास गया और पूछा, क्यों महाराज ! घास हरी है, क्या यह सही नहीं है ?*
*शेर ने कहा हाँ! घास हरी है*
*बाघ ने कहा… तो मुझे जेल की सजा क्यों दी गई है ?*
*सिंह ने कहा, आपको घास नीले या हरे रंग के लिए सजा नहीं मिली, आपको उस मूर्ख गधे के साथ बहस करने के लिए दंडित किया गया है, आप जैसे बहादुर और बुद्धिमान जीव ने गधे से बहस की और निर्णय लेने के लिए मेरे पास आये*.
लेख, पण्डित दिनेश तिवारी ब्यूरो प्रमुख कुशीनगर ए आर न्यूज