कानपुर: नाम बदलकर 40 वर्षों से रह रहा था हत्यारा, फीलखाना पुलिस ने आरोपी को गोंडा से दबोचा
फीलखाना पुलिस ने 40 वर्षों से फरार चल रहे हत्या के आरोपी को गोंडा से नाम बदलकर रहते हुए गिरफ्तार कर लिया है।
इसके लिए पुलिस टीम को 25,000 का इनाम दिया जाएगा।
कानपुर: पुलिस कमिश्नरेट कानपुर नगर को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है।
थाना फीलखाना पुलिस ने 1982 के बहुचर्चित हत्या कांड में पिछले 40 वर्षों से फरार चल रहे एक वारंटी अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी जमानत पर छूटने के बाद नाम और पहचान बदलकर अपने गृह जनपद गोंडा में छिपा हुआ था।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, घटना 22 दिसंबर 1982 की है।
थाना फीलखाना क्षेत्र में हुई हत्या के संबंध में मुकदमा अपराध संख्या 332/1982 (धारा 147/148/149/302 भादवि) दर्ज किया गया था।
इस मामले में अभियुक्त प्रेम कुमार उर्फ पप्पू (पुत्र रामस्वरूप), निवासी 35/96 बंगाली मोहाल, थाना कोतवाली, कानपुर नगर नामजद था।
मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय में क्रिमिनल अपील संख्या 976/1985 के तहत विचाराधीन था।
आरोपी प्रेम कुमार 1985 से ही न्यायालय में हाजिर नहीं हुआ और फरार चल रहा था।
इस पर उच्च न्यायालय द्वारा उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट (NBW) जारी किया गया था।
नाम बदलकर 40 साल से काट रहा था फरारी जांच में सामने आया कि घटना के बाद आरोपी को जमानत मिल गई थी।
जेल से छूटने के बाद वह दोबारा पकड़े जाने के डर से अपना कानपुर का निवास (बंगाली मोहाल) छोड़कर फरार हो गया।
वह अपने मूल गांव बिरतिहन पुरवा, तहसील कर्नलगंज, जनपद गोंडा चला गया।
वहां उसने अपनी पहचान छुपाने के लिए अपना नाम बदल लिया। उसने अपने आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों में अपना नाम ‘प्रेम प्रकाश Pappu’ लिखवा लिया और वहीं परिवार के साथ जीवनयापन करने लगा।
पिछले 40 वर्षों से पुलिस को उसके निवास स्थान के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी।
पुलिस ने ऐसे दबोचा उच्च न्यायालय के सख्त आदेशों के बाद पुलिस आयुक्त कानपुर नगर ने वारंटी की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया।
टीम ने गहराई से छानबीन की तो पता चला कि आरोपी गोंडा में अपने पैतृक गांव में है।
पुलिस टीम ने गोंडा के कर्नलगंज स्थित उसके गांव में दबिश दी और पूछताछ की।
आरोपी ने कबूल किया कि दोबारा जेल न जाना पड़े,
इसलिए वह कानपुर: पुलिस कमिश्नरेट कानपुर नगर को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। थाना फीलखाना पुलिस ने 1982 के बहुचर्चित हत्या कांड में पिछले 40 वर्षों से फरार चल रहे एक वारंटी अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी जमानत पर छूटने के बाद नाम और पहचान बदलकर अपने गृह जनपद गोंडा में छिपा हुआ था।
क्या है पूरा मामला? पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, घटना 22 दिसंबर 1982 की है। थाना फीलखाना क्षेत्र में हुई हत्या के संबंध में मुकदमा अपराध संख्या 332/1982 (धारा 147/148/149/302 भादवि) दर्ज किया गया था। इस मामले में अभियुक्त प्रेम कुमार उर्फ पप्पू (पुत्र रामस्वरूप), निवासी 35/96 बंगाली मोहाल, थाना कोतवाली, कानपुर नगर नामजद था।
मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय में क्रिमिनल अपील संख्या 976/1985 के तहत विचाराधीन था। आरोपी प्रेम कुमार 1985 से ही न्यायालय में हाजिर नहीं हुआ और फरार चल रहा था। इस पर उच्च न्यायालय द्वारा उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट (NBW) जारी किया गया था।
पुलिस ने ऐसे दबोचा उच्च न्यायालय के सख्त आदेशों के बाद पुलिस आयुक्त कानपुर नगर ने वारंटी की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया। टीम ने गहराई से छानबीन की तो पता चला कि आरोपी गोंडा में अपने पैतृक गांव में है।
स्थानीय संवाददाता……..

