*नगर निगम को राष्ट्रीय जल पुरस्कार, महापौर–आयुक्त ने राष्ट्रपति से सम्मान प्राप्त कर मुख्यमंत्री योगी से की मुलाकात*
स्थानीय संवाददाता…..
*मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुरवासियों को दिया विशेष संदेश*
गोरखपुर। गोरखपुर नगर निगम ने जल संरक्षण के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित ‘राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2025’ समारोह में गोरखपुर को जल संचय जन भागीदारी अभियान (JSJB 1.0) के अंतर्गत उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान और उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने यह सम्मान गोरखपुर के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव और नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल को प्रदान किया।
सम्मान प्राप्त करने के बाद दोनों अधिकारियों ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट की और उन्हें शहर की इस उपलब्धि की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने नगर निगम टीम को हार्दिक बधाई देते हुए गोरखपुरवासियों के लिए विशेष संदेश भी जारी किया।
*मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर वासियों के लिए संदेश*
गोरखपुर ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि जब जनता और प्रशासन एक लक्ष्य के लिए एकजुट होकर कार्य करते हैं, तब बड़े से बड़ा लक्ष्य भी सरल हो जाता है। राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्राप्त करना गोरखपुर नगर की सामूहिक चेतना, जन भागीदारी और पर्यावरण के प्रति जागरूकता का उज्ज्वल उदाहरण है। मैं गोरखपुर की जनता, नगर निगम टीम और सभी सहयोगी संस्थाओं को इस उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए हृदय से शुभकामनाएँ देता हूँ।
जल संरक्षण आज के समय की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है। गोरखपुर ने जल संचयन, प्राकृतिक जल शोधन और तालाबों-नालों के पुनर्जीवन को जिस रूप में जन आंदोलन बनाया है, वह पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणादायक है। ‘गोरखपुर मॉडल’ अब अन्य नगरों के लिए भी आदर्श बनेगा। मैं गोरखपुर के नागरिकों से आग्रह करता हूँ कि वे इसी उत्साह के साथ शहर को जल-सुरक्षित, स्वच्छ और सुंदर बनाने में सहयोग करते रहें। मिलकर हम अपने शहर को सतत विकास की दिशा में देश का अग्रणी नगर बनाएँगे।”
*गोरखपुर मॉडल को मिली राष्ट्रीय मान्यता*
गोरखपुर के जल संचय जन भागीदारी अभियान के अंतर्गत—वर्षा जल संचयन संरचनाओं का विस्तार,तालाबों और कुओं की सफाई,नदियों और नालों के पुनर्जीवन,तथा तकिया घाट पर स्थापित नेचुरल वॉटर फिल्ट्रेशन सिस्टम
जैसी नवाचारी पहलें राष्ट्रीय स्तर पर विशेष रूप से सराही गईं। तकिया घाट का प्राकृतिक जल शोधन केंद्र बिना रसायन उपयोग के नदी के प्रदूषित जल को शुद्ध करने का अनोखा मॉडल है, जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है।
*2 करोड़ की प्रोत्साहन राशि से होंगे और बड़े काम*
राष्ट्रीय जल पुरस्कार के साथ मिली 2 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि को नगर निगम आगे—नए जल संरक्षण मॉडल, अधिक तालाबों के पुनर्जीवन, वर्षा जल संचयन के विस्तार,
और नागरिकों के लिए स्वच्छ जल उपलब्धता सुधारने में उपयोग करेगा।
इस उपलब्धि ने सिद्ध किया है कि गोरखपुर अब केवल सांस्कृतिक और शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि पर्यावरण एवं जल संरक्षण में देश का अग्रणी शहर बनकर उभर रहा है।

