
शाहजहांपुर:……
हाथ एक मगर जिम्मेदारी परिपूर्ण….
होमगार्ड राजेश कुमार ने वर्ष 1997 में एक एक्सीडेंट में दौराने ड्यूटी एक हाथ गंवाया।
लेख…. स्थानीय संवाददाता
लेकिन फिर भी हिम्मत नहीं हारी, जनता की सेवा में आज भी हैं तत्पर…….
सन 1997 में एक्सीडेंट में गंवाया हाथ, लेकिन आज भी कलेक्ट्रेट गेट पर निभा रहे हैं अपनी ड्यूटी
अक्सर जब आप जिला कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट से गुजरते हैं,
तो एक परिचित चेहरा आपकी नज़र में जरूर आता होगा।
शांत, मुस्कुराता हुआ, अपने काम में पूरी तल्लीनता से डटा हुआ। यह चेहरा है होमगार्ड राजेश कुमार पांडेय का।
जहां बहुत से लोग किसी एक झटके के बाद हिम्मत हार जाते हैं, वहीं होमगार्ड राजेश पांडेय ने अपने जज्बे और जिम्मेदारी से खुद को नहीं टूटने दिया।
उन्होंने अपने परिवार की परवरिश की जिम्मेदारी खुद उठाई,
अपने बच्चों की शिक्षा और भविष्य के लिए अथक मेहनत की,
और आज भी पूरी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।
उनका जीवन हमे बताता है कि हाथ भले एक हो,
पर हिम्मत अगर दो गुनी हो, तो हर मुश्किल छोटी लगती है।
#जयहिंद