
शिकारपुर चौराहे का सार्वजनिक मूत्रालय: 5 साल से जर्जर, राहगीरों के लिए ‘समस्या’
संवाददाता – कैलाश सिंह महाराजगंज
महाराजगंज,प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत बने सार्वजनिक शौचालयों को स्वच्छ और उपयोगी बनाए रखने के सरकारी दावे फेल,।एनएच730 पर स्थित शिकारपुर चौराहे पर दम तोड़ चुके हैं।
लगभग पांच साल पहले बना यह मूत्रालय आज झाड़-झंखाड़ और गंदगी के ढेर में बदल चुका है। हालत इतनी बदतर है कि यह महिलाओं के लिए पूरी तरह ‘अछूता’ हो गया है।
हर दिन इस चौराहे से हजारों लोग गुजरते हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, लेकिन झाड़ झंकार के बीच कराह रही सार्वजनिक मुत्रालय, बदबू और अस्वच्छ वातावरण के कारण इसका इस्तेमाल नामुमकिन हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सुविधा अब सिर्फ कागज़ों में ही ‘सार्वजनिक’ है, हकीकत में यह परित्यक्त खंडहर बन चुका है।
ग्रामीणों और राहगीरों का आरोप है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि इस बदहाली से पूरी तरह आंख मूंदे हुए हैं। शिकायतों के बावजूद मरम्मत या सफाई की कोई पहल नहीं की गई, जिससे स्वच्छ भारत मिशन की साख पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक यह शौचालय 5 साल पूर्व ग्राम प्रधान ने जनता की मांग पर बनवाई थी लेकिन प्रधानी बदली और बदल गई व्यवस्था ।इस सार्वजनिक शौचालय की तकदीर फिर इस ओर किसी ने देखा तक नहीं।लोगों ने जिला प्रशासन से यह मांग किया है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन और विरोध प्रदर्शन का रास्ता अपनाने को बाध्य होंगे।