
यूरिया खाद के लिए हाहाकार,सरकारी दावे फेल,हो रही यूरिया बिना फसल बर्बाद
संवाददाता – कैलाश सिंह महाराजगंज
महराजगंज,जनपद के चारो तरफ यूरिया खाद की किल्लत ने किसानों की नींद उड़ा दी है। खेती के लिए जरूरी इस खाद को पाने के लिए किसान रात 2 बजे से लाइनों में खड़े हो रहे हैं। सरकारी दावों और वादों के बावजूद जमीनी हकीकत निराशाजनक है।
किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए यूरिया खाद की एक-एक बोरी के लिए घंटों इंतजार कर रहे हैं। स्थानीय खाद वितरण केंद्रों पर सुबह होने से पहले ही लंबी कतारें लग जाती हैं। किसान श्रीकांत,, साधु, नारायन,, मोहन ने बताया कि सारा काम छोड़कर खाद के लिए लाइन में खड़े होते हैं, फिर भी खाद मिलेगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है।” कई बार तो स्टॉक खत्म होने की बात कहकर किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ता है।।सरकार दावा करती है कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है और वितरण व्यवस्था सुचारू है। लेकिन साधन सहकारी समिति की किसानो की कतार की स्थिति इन दावों की पोल खोल रही है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि मांग अधिक होने के कारण आपूर्ति में देरी हो रही है। वहीं, किसानों का आरोप है कि खाद सीधे बिचौलियों और तस्करों के पास पहुंच रहा है।
किसानों की मजबूरी
खेती पर निर्भर इस क्षेत्र में यूरिया की कमी फसलों के लिए खतरा बन रही है। धान की खेती के लिए यूरिया जरूरी है, लेकिन इसकी अनुपलब्धता से उत्पादन प्रभावित हो रहा है। किसानों ने बताया कि “बिना खाद के फसल खराब हो रही है और खाद के लिए इतनी मेहनत करनी पड़ रही है।”
समाधान की उम्मीद
के किसानों ने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। वे चाहते हैं कि खाद वितरण में पारदर्शिता लाई जाए। अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो किसानों ने आंदोलन की दी है।
गौरतलब है कि यह मामला के हर गांव में यूरिया खाद की किल्लत किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई हैं। धान की बुआई के इस महत्वपूर्ण समय में जब खेतों को खाद की सबसे ज्यादा जरूरत है, किसान रात 2 बजे से लाइन में लगाने को मजबूर हैं। इसके बावजूद, उन्हें कई बार खाली हाथ लौटना पड़ता है, जिससे उनमें भारी नाराजगी है।