
खाकी की आड़ मे महिलाओं का कर रहे है शोषण, प्रशासन फिर भी मौन, आखिर जिम्मेदार कौन???
प्रिया ठाकुर संपादक। लखनऊ।
ये खबर है उत्तर प्रदेश के जनपद सीतापुर की जहाँ आरती दुबे नाम की लड़की की शादी शुक्ला परिवार मे बड़े धूम धाम से 15/05/2019 को की गयी थी। तब से ही आरती शुक्ला के ससुरालियों ने उनका जीना दुशवार कर रखा है। जिसमे की सबसे अहम रोल अदा कर रहे है उनके जेठ मयंक शुक्ला जो की वर्तमान मे बरेली पुलिस डिपार्टमेंट मे दीवान के पद पर कार्यरत है, और यही कारण है की आरती शुक्ला जहाँ भी अपनी फरियाद लेकर पहुँचती है उनकी फरियाद दबा दी जाती है। शादी के बाद से ही आरती शुक्ला के जेठ मयंक शुक्ला, सास सरिता शुक्ला, ससुर रमेश चंद शुक्ला उर्फ़ रामु, जेठानी ऋतू शुक्ला उर्फ़ गुड़िया, पति शशांक शुक्ला, नंद नीलिमा त्रिवेदी ने मिलकर आरती शुक्ला पर अनेक अत्याचार किये। जेठ मयंक शुक्ला और ससुर रमेश चंद शुक्ला ने हज़ारो बार आरती शुक्ला के साथ जबरदस्ती करने की कौशिश की लेकिन नाकाम रहे तो गुस्से मे आकर मयंक शुक्ला ने आरती शुक्ला को किडनैप करवाने की भी कौशिश की और आज तक भी कर रहे है। सभी ससुरालियों ने मिलकर 3 बार आरती शुक्ला को गलत दवाइयाँ खिलाकर मिस कैर्रिज करवाया, जिसका बाद मे पता चलने पर आरती शुक्ला ने इस सब का विरोध किया तो आरती शुक्ला को जान से मारने की साज़िशे की गयी, कभी उनकी नंद और सास ने गैस खुला छोड़ दिया तो, कभी जेठ मयंक शुक्ला ने सिविल कपड़ो मे पुलिस कर्मचारी भेजकर आरती शुक्ला पर अवैध संबंध बनवाने का दबाव बनाया गया, तो कभी उनको 10 महीने तक घर से निकालकर, अपने किसी दूसरे घर मे अकेले बिना बिजली पानी के तड़पते हुए मरने के लिए छोड़ दिया गया। इस सब से बचकर जैसे तैसे वहा से भागकर अब ज़ब आरती शुक्ला अपने मायके रहती है और किसी काम के चलते घर से बाहर जाती या शहर से बाहर जाती है तो भी मयंक शुक्ला और उसके पुलिस कर्मचारी कभी यूनिफार्म मे तो कभी सिविल कपड़ो मे आरती शुक्ला का पीछा करते हुए और किडनैप करने की कौशिश करते हुए देखे गए है। जिसके चश्मदीद गवाह भी आरती शुक्ला के पास मौजूद है लेकिन हैरत की बात है की केवल दीवान होने का इतना फायदा डिपार्टमेंट के लोगो द्वारा उठाया जा रहा है की वो अपनी नौकरी के बल पर किसी लड़की को इस कदर प्रताड़ित करने पर उत्तर आया है। और उसका कोई कुछ नहीं कर रहा है क्यूंकि वो एक पुलिसकर्मी है। वो दीवान है लेकिन उसकी इतनी सैलरी है की वो बरेली मे एक आलिशान घर ले लिया है। वो केवल दीवान है लेकिन उसकी सैलरी इतनी है की उसके खुद के बरेली वाले घर के अलावा दो प्लाट भी है। वो केवल दीवान है लेकिन उसकी सैलरी इतनी है की उसके और उसके भाई पास के वैध और अवैध दोनों तरीके से हथियार भी मौजूद है। वो केवल दीवान है लेकिन उसकी इतनी पावर है की उसने गांव का कोटा तक भी अपने घर से चलवा रखा है। जिसकी सारी रेख देख उसके भाई शशांक शुक्ला करते है। वो केवल दीवान है लेकिन मयंक और उसके भाई शशांक ने गांव की कोई लड़की ऐसी नहीं छोडी जिसका इन्होने हथियारों के बल पर शोषण ना किया हो। आज भी मयंक शुक्ला ने आरती शुक्ला और उनके परिवार का जीना दुशवार कर रखा है और लगातार साज़िश कर रहे है की आरती शुक्ला उसके रास्ते से हट जाये और शशांक शुक्ला की प्रॉपर्टी जिस पर आरती शुक्ला का हक़, मयंक शुक्ला को मिल जाये। क्यूंकि शशांक और मयंक दोनों ही भाई एक नंबर शराबी, ऐयाश और बदमाश किस्म के लड़के है। और आरती शुक्ला एक पढ़े लिखें और सभ्य परिवार से है और हमेशा सच का साथ देती है और अन्याय का विरोध करती है लेकिन मयंक और उसका परिवार आरती शुक्ला को जीने ही नहीं देना चाहते। आरती शुक्ला ने इस सब के खिलाफ हज़ारो बार आवाज़ उठाई, तहरीर दी लेकिन उनकी कही कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिर इस सब का जिम्मेदार कौन है?? यदि आरती शुक्ला और उसके परिवार के साथ कुछ भी घटित होता है, तो क्या उसका जिम्मेदार मयंक शुक्ला और उसका परिवार होगा, जिन्होंने योगी राज के चलते भी एक लड़की पर इतने जुर्म किये और इनका कुछ नहीं बिगड़ा, या पुलिस प्रशासन होगा जिनको हज़ारो बार अवगत कराने के बावजूद भी सिर्फ इसलिए मयंक और उसके परिवार के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई क्यूंकि ये डिपार्टमेंट का मैटर है??