
प्रतापगढ़ 🪶
जनपद प्रतापगढ़ के अंतर्गत उपभोक्ताओं को विद्युत की सप्लाई करने वाले पावर हाउस पर लाइन मेंटेनेंस एवं ऑपरेशन के कर्मचारियों में काम के बढ़ते हुए बोझ और आवश्यकता को देखते हुए मैनपॉवर सप्लाई के अंतर्गत कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के बजाय करीब 300 कर्मचारियों की संख्या कम कर देने,
पावर हाउस पर बिना सत्यापन किए हुए संविदाकार फर्म द्वारा श्रमिकों का समायोजन करने, माह अक्टूबर 2024 में बड़ी संख्या में ड्यूटी पर कार्य लेते हुए भी वेतन नहीं देने,
बिना सुरक्षा सामग्री के नया अनुबंध होने के बावजूद श्रमिकों से कार्य लिए जाने,
पंजीयन के नाम पर अनुबंध के इतर जाकर श्रमिकों से धनराशि लेने,
समायोजन में पैसे लेने,
कुशल श्रमिकों को जबरन अकुशल कर देने, विगत 15 माह में ड्यूटी पर कार्य करते हुए दुर्घटना से मृतक हो गए कर्मचारियों के परिजन को तात्कालिक सहायता की धनराशि का भुगतान नहीं किए जाने एवं दिनांक 16 अक्टूबर 2024 को अधीक्षण अभियंता द्वारा उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के साथ द्विपक्षीय वार्ता की कार्यवाही में एक तरफ मनमानी कार्यवाही लिखे जाने, आश्वासन के अनुरूप कार्यवाही नहीं किए जाने आदि को लेकर प्रतापगढ़ के आउटसोर्सिंग पर काम करने वाले संविदा कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।*
*जिसके चलते उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के तत्वाधान में दिनांक 4 नवंबर 2024 से अनिश्चितकालीन आंदोलन धरना प्रदर्शन के रूप में आरंभ हो रहा है।*
*इस संबंध में श्रमिक नेता हेमंत नंदन ओझा एवं उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के जिला मंत्री राम सूरत ने कहा कि प्रबंधन पूरी तरह मनमानी पर उतारू है उसके भाषा और कार्य में भारी अंतर है और कर्मचारियों का बड़े पैमाने पर शारीरिक मानसिक आर्थिक शोषण तो हो ही रहा था अब उसे भूखा मार डालने के मंसूबे के विरुद्ध मजबूरन आंदोलन की कार्यवाही का निर्णय लिया गया है।*
*कर्मचारी बड़े पैमाने पर निराश हताश और आक्रोश में है। सैकड़ो की संख्या में बिजली मजदूर जो हर घर तक रोशनी पहुंचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालता है । ऐसे श्रमिकों को संविदाकार और अधिकारी सेवा से ही वंचित की कार्यवाही कर रहे हैं। यदि आवश्यक हुआ तो आंदोलन को बदले स्वरूप में किया जाएगा। विदित हो कि सितंबर माह 2024 में पूर्व फर्म का अनुबंध समाप्त हो गया, और अक्टूबर में नई फ़र्म का अनुबंध प्रभावित हुआ जिसके तहत कर्मचारियों की संख्या में कमी कर दी गई है।* *
पहले से ही कर्मचारी कार्य के बोझ से दबे हैं,श्रमिकों को साप्ताहिक और अवकाश, आकस्मिक अवकाश और चिकित्सीय अवकाश भी नहीं मिलता, ऐसे में जब कर्मचारियों की संख्या कम हो रही है तो उनका काम का बोझ और बढ़ेगा और और अधिक शोषण होगा , दूसरी तरफ संगठन का यह भी आरोप है कि तमाम ऐसे व्यक्तियों को भी वेतन का भुगतान किया जाता है जो वास्तविक रूप से कार्य नहीं करते हैं। वे अधिकारियों के निजी चालक के रूप में और नौकर के रूप में काम करते हैं और वेतन उन्हें लाइन मेंटेनेंस और ऑपरेशन के कर्मचारियों के रूप में मिलता है।*
*मजदूर नेता हेमंत नंदन ओझा ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि वास्तव में अधिकारी और आउटसोर्स एजेंसी आपस में मिली हुई हैं और पूरी तरह अनियमितता भ्रष्टाचार में डूबी हुई हैं।*
जिला ब्यूरो चीफ मयंक शेखर मिश्रा
एन्टीकरप्शन मीडिया न्यूज