
मित्रों, Geopolitics की बात करें तो, कई सारे लोग भारत की Diplomacy को लेकर सवाल उठा रहे हैं कि भारत के प्रधानमंत्री अमेरिका में हैं तो उनके साथ NSA अजित डोभाल साहब क्यों नहीं है. कई सारे लोग बहुत उत्कंठा के चलते कह रहे हैं, खा-लिस्तानी आतंकवादी पन्नू के द्वारा NSA डोभाल साहब के खिलाफ अमेरिकी कोर्ट में केस फाइल करने के चलते, वे अमेरिका नहीं गए !?
लेख – शिवम् राज गोरखपुरी
मित्रों – ऐसा कुछ नहीं होता, यदि भी वह जाते तो अमेरिकी कोर्ट या सरकार उन पर हाथ लगाना तो दूर, उनकी परछाई तक को हाथ लगा नहीं सकते, जब तक की International Court of justice, उन पर कोई आदेश न दे देता है. मित्रों, NSA अजित डोभाल साहब इसलिए अमेरिका नहीं गए।
क्योंकि वे इधर अमेरिका की बाट लगाने के लिए काम कर रहे थे. अमेरिका चौधरी, यह चाहता था कि, हम खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू को लेकर भारत के साथ गेम खेलेंगे. ताकि भारत उसके काबू में रहे. लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी अमेरिका के साथ गेम खेल कर एक मास्टर स्ट्रोक जड़ दिया है।
अमेरिका जानबूझकर भारत की डिफेंस ग्रोथ को रोकना चाहता है. इसलिए Tejas MK1A की इंजन का Derail कर रहा था. ताकि भारत इंजन के लिए उसके सामने गिड़गीड़ाए. और AMCA के लिए GE की F-414 इंजन की जो 80 प्रतिशत टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करने और भारत में Manufacturing Plant लगाने को लेकर भाव खा रहा है. इसको लेकर अमेरिका और भारत के रिश्तों में तनाव बढ़ता दिख रहा है. अमेरिका की कंपनी GE भारत के तेजस फाइटर जेट के इंजन को देने में देरी कर रही है. इससे उत्पादन में काफी देरी हो रही है, वह भी तब जब भारत को तेजस फाइटर जेट की सख्त जरूरत है. चीन और पाकिस्तान दोनों ही मोर्चों पर बड़े खतरे का सामना कर रहे भारत को फाइटर जेट की सख्त जरूरत है, भारत अपने तेजस फाइटर जेट को तेजी से बनाना चाहता है लेकिन अमेरिका इसके लिए सबसे बड़ा रोड़ा बन गया है. तेजस फाइटर जेट में अमेरिका का इंजन F404 IN20 लगना है जिसे GE कंपनी बनाती है और दे नहीं रही है. इस इंजन को देने में अमेरिका अब टालमटोल कर रहा है जिससे तेजस उत्पादन कम हो गया है. अमेरिका का कहना है कि यह सप्लाई चेन में आ रही दिक्कत की वजह से हो रहा है लेकिन कई विश्लेषक इसे भारत और रूस की बढ़ती दोस्ती से जोड़कर देख रहे हैं. GE ने कहा है कि वह नवंबर महीने से इंजन की सप्लाई शुरू करेगा. तेजस के इंजन में ऐसे समय पर देरी हो रही है जब भारत और अमेरिका के बीच कई मुद्दों को लेकर तनाव चल रहा है। इसमें खालिस्तानी आतंकी पन्नू, रूस और मानवाधिकार का मुद्दा शामिल है। अमेरिका ने पीएम मोदी की रूस यात्रा पर खुलकर नाखुशी जताई थी. अमेरिका लगातार भारत पर दबाव डाल रहा है कि वह रूस से दोस्ती कम करे. भारत के रूस से तेल खरीदने पर भी अमेरिका काफी नाराज है। वहीं अमेरिका ने भारत के मानवाधिकार के मुद्दे पर कई तीखे बयान दिए हैं। इसका भारतीय विदेश मंत्री ने करारा जवाब भी दिया है. पन्नू की कथित हत्या की साजिश को लेकर भारत का अमेरिका और कनाडा के साथ तनाव बढ़ा हुआ है. मित्रों, यह सभी बातें लिख कर मैंने आप लोगों को उस भु-राजनैतिक बारे जानकारी दी, जो कि पर्दे के पीछे चल रही है. ताकि आप लोगों को सबकुछ समझने में आसानी होगी.
अब चलते हैं पोस्ट की मुख्य विषयवस्तु भारत की Defense डील को लेकर. उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका में रह कर भारत की स्वार्थ को लेकर QUAD देशों के साथ चर्चा कर रहे हैं, इधर NSA डोभाल साहब ने अमेरिका के चौधरियत की बैंड बजाते हुए फ्रांस की जेट इंजन बनाने वाली कंपनी Safran के साथ बातचीत करके डिल साफ कर लिया है कि, भारत को फ्रांस की Safran कंपनी 110 Kn जेट इंजन बनाने के लिए 100 प्रतिशत टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी करेगा, यानी Complete Transfer of Technology देगा. फ्रांस ने कहा है कि इस इंजन पर भारत की Sovereign Right यानी संप्रभु अधिकार होगी. फ्रांस ने कहा है कि हम भारत को इंजन की Complete Blueprint दे देंगे और हम भारत के साथ बैठकर भारत में इस इंजन की Manufacturing भी करेंगे. भारत इस इंजन को जितना चाहे बना ले, जिस को चाहे बेच ले, इस पर हमारा कोई अधिकार नहीं होगा. मित्रों, आप लोग जानते हैं कि, भारत रूस के साथ मिलकर ब्रह्मोस मिसाइल बना रहा है, इसमें अड़चन यह है कि, न भारत, रूस के बिना अनुमति के इसे किसी दुसरे देश को बेच सकता है. न रूस, भारत की बिना अनुमति के इसे किसी दुसरे देश को बेच सकता है. लेकिन फ्रांस के साथ जेट इंजन को लेकर जो डील हुई है. उस इंजन पर भारत की Sovereign Right होगी. इस डील का एलान फ्रांस ने तब किया, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका में हैं. फ्रांस की इस ऐलान के बाद अमेरिका की बैचेनी सातवें आसमान पर चढ़ गया है. मित्रों आप लोगों को याद होगा कि, अमेरिका ने भी इसी तरह फ्रांस को एक बहुत बड़ा झटका दिया दिया था, जब फ्रांस के हाथों से ऑस्ट्रेलिया की पनडुब्बी डील को तोड़कर. अब फ्रांस ने भी अमेरिका को उसी तरह बहुत बड़ा झटका दिया है भारत के साथ जेट इंजन की डील करके, वह भी Complete Transfer of Technology के साथ-साथ Sovereign Right देकर. अब चलते हैं भारत और फ्रांस के बीच हुए दुसरे बड़े Defense डील की ओर. भारत की NSA अजित डोभाल साहब 29 सितंबर को फ्रांस जाएंगे और वे फ्रांस की Diplomatic एडवाइजर एमानुएल वॉन के साथ 30 सितंबर और 1 अक्टूबर दो दिन बातचीत करेंगे. इसमें Safran कंपनी की इंजन डील पर अंतिम हस्ताक्षर होगा और भारत के साथ परमाणु पनडुब्बी बनाने के लिए टेक्नोलॉजी भी देगा. फ्रांस ने कहा है कि वह भारत को State of the Art Nuclear Attacking Submarine हम भारत को देंगे. यह जो परमाणु पनडुब्बी डील होने जा रही है, उसमें K-6 बैलिस्टिक मिसाइल भी लगेंगे. इस तरह की कितनी परमाणु पनडुब्बी फ्रांस के साथ मिलकर भारत बनाएगा, इस बात को अभी गुप्त रखा गया है. एक धोखेबाज दोस्त को कैसे धोखा दिया जाता है, भारत यह अच्छी तरह से जानता है और अमेरिका में रह कर उसके छलावे का उत्तर छलावे में दिया है. अब भारत की 5+ जेनेरेशन की स्टील्थ लडाकू विमान AMCA की राहें प्रशस्त हो गई है और भारत सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपए देकर AMCA प्रोजेक्ट को बहुत बड़ा Boost दे दिया है…