
भाटपार रानी -: योगी सरकार लाख दावे कर ले अधिकारी नही मानने वाले इन्हें तो लत लग चुकी है पैसे लेकर कुछ भी लिख देने की न मौके का जायजा और न ही किसी तरह की जानकारी जुटाना बस पैसा दीजिये और इनसे रिपोर्ट तैयार करवा लीजिये चाहे वह बिजली चोरी का हो या ओवरलोड का साहब नोट देखते ही खुश | साहब को अपनी चिंता है विभाग की नही अपनी जेब भरने पर साहब कुछ भी माफ़ कर सकते है वही साहब क्षेत्र का भ्रमण करना ही नही चाहते जिससे इनको क्षेत्र की जानकारी मिले अब तो नया कनेक्सन लेने से लेकर कनेक्सन कटवाने तक में रिश्वत के बगैर कोई काम ही नही होता वही कई बार बिजली चोरी पकडे जाने और हर बार कर्मचारियों द्वारा केबल काटने के बाद मुकदमा पंजीकृत होने के बाद फर्जी तरीके से पैसे लेकर मामले का निपटारा करना साहब के बाये हाथ का खेल बन गया हैं | वही अघोषित बिजली कटौती , लो वोल्टेज व वर्षो से जर्जर तारो से जिस तरह सप्लाई बाटी जा रही है उसपर किसी अधिकारी व कर्मचारी की नजर नही पड़ती जिसका सबूत दे रहा है भवानी छापर बजार में पोल पर लगे तार स्थानीय लोगो की माने तो जबसे गाव में विद्युतीकरण हुआ है तबसे आजतक न तो कोई भी अधिकारी या कोई भी कर्मचारी इन तारो को देखने नहीं आया और ये तार इतने जर्जर हो चुके है जो तेज हवा भी चले तो टूट कर गिर जाते है वही मेन रोड के उपर लगे होने के कारण बार बार तार के टूटने से कभी भी कोई घटना घट सकती है जिसकी जिम्मेदारो को कोई चिंता नहीं है | जिसकी शिकायत प्रदेश के उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा समेत पूर्वांचल बिद्युत बितरण निगम के शीर्ष अधिकारियो से की गयी है वही इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शीर्ष अधिकारियो ने क्षेत्रीय अधिकारियो को निर्देशित को जाच कर आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश जारी हुआ तो फिर साहब ने बगैर मौका देखे ही रिपोर्ट लगा दिया की अनुमोदन के उपरांत कार्य करवा लिया जायेगा इसे में सवाल ये उठता है की साहब चेंबर से बाहर निकलना क्यों नही चाहते | क्या धुप में निकलने की आदत नहीं है या इन्हें आदेश नही है वही विभाग में दलाली भी चरण सीमा पर है बार बार जाने पर यदि काम नही होता है तो लोग थक हारकर दलालों का सहारा लेते है और काम हो जाता है आखिर उर्जा मंत्री ,चैयरमैन ,एमडी की जानकरी और आदेश के वावजूद अधिकारी आफिस छोड़ क्र मौके पर नही जा रहे तो आप सोच सकते है आम आदमी का क्या हाल होगा