
रात में शब्बेदारी और सुबह निकाला जाएगा 72 ताबूत व अलम
मुल्क के मशहूर शिया धर्मगुरूओं की होगी तकरीरें, स्थानीय व बैरूनी अंजुमनें करेंगी मातम और नौंहें
सुल्तानपुर— अपने वख्त के ख्यातिलब्ध शायर रघुपति सहाय/फिराक गोरखपुरी ने हज.ईमाम हुसैन की शान में बड़ा मशहूर शेर कहा था,”काम आ गई फिराक़ मुहब्बत हुसैन की,कलमा पढ़े बगैर मुसलमान हो गया”, शहर से चंद किलोमीटर की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग वाराणसी लखनऊ मार्ग स्थित अमहट में आज रात में ईमामबाड़ा बख्शी खां ताल्लुकेदार में शब्बेदारी और सुबह 72ताबूत व अलम बरामद होगा, जिसमें मुल्क के मशहूर व मारूफ शिया धर्मगुरूओं की तकरीरें होंगी, दूसरी तरफ शब्बेदारी में पेशखानी चंदन फैजाबादी, सागर बनारसी और फखरी मेरठी करेंगें,पेशखानी के बाद मौलाना सै.गुलजार तारागढ़ अजमेर, मौलाना रविश शिराजी जौनपुर, मौलाना शब्बीर अली वारसी पश्चिम बंगाल, मौलाना मेराज मंगलौरी उत्तराखंड, मौलाना इमरान खांन, मौलाना जीशान जायसी, मौलाना शारिक अब्बास के द्वारा तकरीरें होगी, उक्त कार्यक्रम की जानकारी अंजुमन जीनतुल अजा रजि. अमहट के सद्र यहिया खान उर्फ कल्लन के द्वारा दी गई, उन्होंने बताया की शब्बेदारी में
मशहूर नौहाख्वा महफूज सुल्तानपुरी नौहां पढेगें, अंजुमन के सद्र ने बताया की रात में शब्बेदारी के दौरान आए हुए मोमनीनों के ठहरने व खाने-पीने का अंजुमन जीनतुल अजा के द्वारा इंतजाम किया जाता है,मोमनीनों को दिक्कतें ना हो इसलिए अंजुमन जीनतुल अजा के वाँलियंटरों को जिम्मेदारी दी गई है, उन्होनें बताया की आज शाम से कल 29अगस्त दोपहर तक जिला प्रशासन के सहयोग से कार्यक्रम को सकुशल संपन्न किया जाएगा।