👉 अमूल्यरत्न न्यूज संवाददाता
👉 दिल्ली में 6 महीने में कुत्ते काटने के 47,881 केस, सफदरजंग और RML में हर दिन आ रहे इतने मामले
दिल्ली में कुत्तों का आतंक।राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आवारा कुत्तों का आतंक तेजी से फैल रहा है। दिल्ली में कुत्तों के काटने के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।बीते छह महीनों में सितंबर 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक सफदरजंग अस्पताल और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कुत्तों के काटने के 47,881 केस सामने आ चुके हैं। वहीं, साल 2022 सितंबर से फरवरी 2023 तक दोनों अस्पतालों में बंदर और बिल्ली के काटने 3,462 का मामले सामने आएं।
आपको बता दें कि आवारा कुत्तों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। एक सर्वे के मुताबिक, पूर्व 6 महीनों के बीच दिल्ली सरकार के दो प्रमुख अस्पतालों सफदरजंग में 29,698 और राम मनोहर लोहिया में 18,183 कुत्तों के काटने के मामले सामने आए, जो बिल्लियों, बंदर और अन्य जानवरों के काटने की संख्या से बहुत अधिक है।
सफदरजंग अस्पताल के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेंद्र गोयल ने बताया कि पिछले 6 महीनों में रोजाना जानवरों के काटने के 250 मामले सामने आ रहे हैं। जिसमें मुख्य रूप से छोटे बच्चों और वयस्क पुरुषों के मामले शामिल हैं। वहीं, इसमें स्ट्रीट वेंडरों की संख्या अधिक है। कुछ मामले पालतू कुत्तों के काटने के भी आते हैं, लेकिन अधिकांश मामले आवारा कुत्तों के काटने से जुड़े होते हैं। गोयल ने बताया कि अस्पताल में बंदर और बिल्ली के काटने वाले मरीजों की संख्या का भी रिकॉर्ड रखा जाता है। उन्होंने बताया कि साल 2022 सितंबर से फरवरी 2023 तक सफदरजंग अस्पताल में बंदर और बिल्ली काटने के मामले 1,125 और 1,186 दर्ज किए गए थे। आरएमएल अस्पताल में इसी समय में कुल 536 बंदर काटने के मामले और 615 बिल्ली काटने के मामले दर्ज किए गए हैं।
आवारा कुत्तों पर ऐसे काबू पाएं
फ्रेंडिको एसईसीए की उपाध्यक्ष गीता शेषमणि का कहना है कि यदि आवारा जानवरों पर काबू पाना है तो उन्हें खाना खिलाएं। इस से आपके साथ वह फ्रेंडली बनें रहेंगे और हमला नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि आवारा कुत्ते सामाजिक बने रहने के लिए लोगों से खाने की अपेक्षा करते हैं। कुत्तों का टीकाकरण कार्यक्रम पहले से प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। ताकि इनके आतंक से काबू पाया जा सके। बता दें कि दिल्ली में 12 मार्च को वसंत कुंज इलाके में आवारा कुत्तों के काटने से दो भाइयों की मौत हो गई थी।

