
पिछले कुछ वर्षों से भारतीय मिठाई सोन पापड़ी का मजाक उड़ना क्यों शुरू हो गया?
तो आइए आज आपको विस्तार पूर्वक समझाते हैं।
सोन पापड़ी खाने वालों को शर्मिंदा किए जाने का एक सुनियोजित प्रयास अब आम जनता को दिखने लगा?
क्योंकि सोन पापड़ी हर उस कन्फेक्शनरी और परचून की दुकान पर बिक सकती थी जहां पर चॉकलेट बिकती हैं।
इसको मिठाइयों की खास दुकानों की ही जरूरत नहीं थी।
चॉकलेट के मुकाबले सस्ती,
कई गुना स्वादिष्ट और चाय के साथ खाई जा सकने के कारण सोन पापड़ी ने विदेशी कंपनियों की चॉकलेट का एक बहुत बड़ा मार्केट खत्म कर दिया और इसलिए उस को नीचा दिखाने के प्रयास शुरू हो गए।
ताकि सोन पापड़ी खाने वाला शर्मिंदगी महसूस करे और यह स्वीकार भी ना कर सके कि मुझे सोनपापड़ी पसंद है।
आपको अगर पसंद है तो गर्व से अपने आसपास कि दुकानदार से खरीदिये और हां भाई मुझे सोन पापड़ी तो बहुत पसंद है।”