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भारत मे कुछ परिवर्तन आ रहे है भारत धीरे धीरे ग्रामीण देश से शहरो का देश बनने की ओर जा रहा है हर तहसील हर जिले की जनसंख्या तेजी से बड़ रही है शिक्षा का प्रसार हो रहा है ग्रामीण भारत मे भी हर माता पिता अपने बच्चो का स्कूलो मे नामाकंन कराने लगे है हर साल यह प्रतिशत बड़ रहा है शहरो मे लोग सरकारी स्कूलो की जगह प्राइवेट स्कूलो मे पढ़ाने लगे है क्षेत्रिय भाषा मराठी गुजराती तेलगू हिन्दी की जगह अंग्रेजी स्कूलो मे पढ़ाने लगे है
इसमे वह सभी आन्दोलकारी नेता ओर कार्यकर्ता के बच्चे है जो मराठी भाषा बंगाली कन्नड़ तमिल भाषा के लिए आन्दोलन सड़क जाम शहर बन्द सरकारी बसो को जलाने वाले सभी काम करते है जो अपनी भाषा के लिए लड़ने के लिए तैयार रहते है प्रति परिवार छोटे होने लगे है शहरीकरण के कारण जीवन स्तर को उठाने के लिए छोटा परिवार पहली प्राथमिकता बन गया है
ग्रामीण भारत से शहर मे आने से श्रम बहुत कम हो जाता है अब तो गांवो मे भी मशीने आने घर पक्के होने कुए बन्द हो चूके है धीरे धीरे श्रम कम होने लगा है
केवल मस्तिष्क के विकास पर जोर दिया जा रहा है
भारत मे अब काम की तलाश मे तेजी से लोग एक शहर से दूसरे शहर जाने लगे है आज से 60साल पहले जिस शहर मे जन्म होता था उसी शहर मे शिक्षा लेता था उसी शहर मे नोकरी व्यवसाय करता था
अब शिक्षा के लिए दूसरे शहर दूसरे देश जाने लगा है
1950के दशक मे भाषा के लिए जो झगड़े शुरू हुए थे भाषा के आधार पर राज्य बने थे महाराष्ट्र गुजरात एक थे भाषा के आधार पर विभाजन हुआ आने वाले समय मे क्षेत्रीय भाषा किसी भी बड़े शहर की भाषा नही रहेगी क्षेत्रिय भाषा अंग्रेजी ओर हिन्दी हर बड़े शहर की भाषा होगी हिन्दी भाषी राज्यो की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है दक्षिण ओर पश्चिम के राज्यो की जनसंख्या स्थिर हो चूकी है हिन्दी भाषी राज्यो मे दिल्ली नोयडा गुड़गाव को छोड़कर कही रोजगार नही है
इसलिए अहमदाबाद सूरत हैदराबाद पूना मुम्बई बैगलोर चेन्नई विशाखापट्टनम मे जा रहे है बस रहे है दक्षिण पश्चिम से उत्तर भारत मे बहुत कम लोग आते है
हिन्दी भाषीयो की जनसंख्या दक्षिण पश्चिम भारत मे बड़ने से खानपान त्योहार रीति रिवाज रहन सहन से लोग परिचित हो रहे है
राजनीति को भी बदल देगे आने वाले समय मे जिस भारतीय एकता का सोचा था वह होता दिखेगा भारतीय एकता का अर्थ हिन्दूओ की एकता है एकता की शुरूआत स्कूलो से ही होती है आज किसी भी शहर मे जाति भाषा क्षेत्र के आधार पर स्कूलो मे दाखिला नही हो रहा है एकता की शुरूआत परिवर्तन की शुरूआत बड़े शहरो से होती है धीरे धीरे छोटे शहर तहसील गांवो मे पहुंचती है इन्दोर शहर मे कोई भी कालोनी मे यह नही है बंगाली मराठी गुजराती राजस्थानी के आधार पर भेदभाव नही है जिस एकता की कल्पना आज से 200 साल पहले की थी भारत इतने भाषा जाति क्षेत्र रहन सहन खान पीने त्योहार रीति रिवाजो मे विभक्त है एक करना है शुरूआत हो चूकी है बहुत से राजनीतिक पार्टी ओर नेता जरूर विभक्त करके अपनी राजनीति करेगे मराठी का सपोर्ट करो बंगाली ही होना अगड़े का विरोध करो पिछड़ा होना चाहिए लेकिन यह विभक्त करने वाली राजनीति ओर नेताओ का राजनीतिक ओर सामाजिक बहिष्कार करने की जरूरत है हिन्दूओ की एकता मे ये विभक्त करने वाले नेता ही जवाबदार है जो नेता अगड़े पिछड़े की राजनीति करता है 99%सेक्यूलर होता है हिन्दू मुस्लिम एकता का कट्टर समर्थक होता है उसको हिन्दूओ की एकता पसंद नही है क्यो कि उसकी राजनीतिक दूकान बन्द हो रही है इसलिए हिन्दूओ को एकजूट होने की जरूरत है अगड़े पिछड़े मे विभक्त होने के जय श्री राम हिन्दू राष्ट्र बनाना है यह हर हिन्दू का संकल्प होना चाहिए🚩🚩🚩🚩🚩