
बेसिक शिक्षा अधिकारी के नीति के चलते जिले में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था हुई ध्वस्त
कौशांबी जहां एक ओर प्रदेश की सरकार प्राथमिक शिक्षकों को अपने विकास का केंद्र मानकर गांव के गरीब और पिछड़े इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी शिक्षा मुहैया कराने के लिए लगातार योजना चलाकर मेहनत कर रही है वही कौशांबी जिले में बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने नीति के चलते सरकार की इस योजना को पलीता लगाते दिख रहे हैं
स्थिति यह है कि जिले के अधिकतर विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षक नहीं आते हैं और अधिकारियों की कृपा पर इनकी उपस्थिति दर्ज होती है साथ ही इनको वेतन भी जा रहा है मामले की शिकायत कई बार शासन को किया गया लेकिन अभी तक भ्रष्ट बेसिक शिक्षा अधिकारी पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई जिले के बेसिक शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से वे पटरी हो चुकी है शासन ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को इस व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए नियुक्त किया था लेकिन जिले में तैनात अधिकारी शिक्षकों को दुधारू गाय मानकर उनसे उनसे वसूली कर रहे हैं जिसके चलते शिक्षक विद्यालयों में ना पढ़ा कर अधिकारियों की महीनावारी देना उचित समझ रहे हैं यदि उच्च अधिकारी जांच करें तो अधिकतर विद्यालयों में शिक्षक नहीं आ रहे हैं और इसके पीछे अधिकारियों की मिलीभगत है
यही नहीं बेसिक शिक्षा कार्यालय में दर्जनों शिक्षक दिन भर बेसिक शिक्षा अधिकारी की गणेश परिक्रमा करते नजर आते हैं और यही शिक्षक विभिन्न विद्यालयों से वसूली कर जिले के आला अधिकारी तक पहुंचा रहे हैं जिले के लोगों ने जिलाधिकारी का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए कार्यवाही की मांग की है और लोगों का मानना है कि यदि इस मामले को गंभीरता से उच्च अधिकारियों द्वारा जांच हो जाए तो बेसिक शिक्षा अधिकारी का निलंबन होना तय है