विघ्नहर्ता श्री गणेश को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों का करें जाप
शास्त्रों में गणनायक ‘गणेश जी’ की आराधना का विशेष महत्व है। प्रथम पूज्य गौरी पुत्र गणेश जी की पूजा के बिना किसी भी देवी-देवता की पूजा पूरी नहीं मानी जाती। भगवान गणपति अपने भक्तों की सारी मुसीबतें दूर करते हैं। गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों का करें जाप…
1. श्री महागणपति प्रणव मूलमंत्र: ऊँ । ऊँ वक्रतुण्डाय नम: । पंचामृत अर्पित करें
2. श्री महागणपति प्रणव मूलमंत्र: ऊँ गं ऊँ महाकर्णाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ।। इस मंत्र का जाप करें और चंदन की धूप जलाएं।
3. ऊँ गं गणपतये नम:। ऊँ श्री गणेशाय नम: । दूर्वा ज़रूर अर्पित करें…
4. ऊँ नमो भगवते गजाननाय । ऊँ वक्रतुण्डाय हुम् । पंचामृत अर्पित करें
5. श्री गणेशाय नम: । महाकर्णाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ।। पूजा में आरती ज़रूर करें
6. ऊँ श्री गणेशाय नम: । ऊँ गं गणपतये नम:। दूर्वा ज़रूर अर्पित करें
7. ऊँ वक्रतुण्डाय हुम् । ऊँ गं ऊँ । चंदन की धूप जलायें
8.ऊँ हीं श्रीं क्लीं गौं ग: श्रीन्महागणधिपतये नम:। इस मंत्र का जाप कर लड्डू का भोग लगाएं
9. हीं श्रीं क्लीं गौं वरमूर्र्तये नम: । ऊँ गं गणपतये नम:। पंचामृत अर्पित करें
10. हीं श्रीं क्लीं नमो भगवते गजाननाय । ऊँ वक्रतुण्डाय हुम् । दूर्वा ज़रूर अर्पित करें
11.श्री गजानन जय गजानन। ऊँ गं ऊँ । चंदन की धूप जलाएं
12.महाकर्णाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ।। ऊँ । पंचामृत अर्पित करें।
चाँदी की प्लेट में जल भर कर चाँदी के ठोस हाथी की पूजा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं, और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

