
खास बहन बेटी बहुओ_के_लिए……………………….
शादी के बाद लड़की का संबंध सिर्फ़ उसके पति से ही नहीं जुड़ता बल्कि उस परिवार से भी जुड़ता है,
जिसमें वह शादी के बाद जाती है मगर आधुनिकता कहिये या पारिवारिक मूल्यों का पतन मगर शादी के बाद लड़की जब केवल पति को तवज्जो देकर परिवार से किनारा करने लगे तो पारिवारिक रिश्ते बिल्कुल बेमानी हो जाते हैं…!
हम टीवी सीरियलों में सास को अकसर खलनायक के रुप में देखते हैं मगर सच्चाई का दूसरा पहलू भी तो हो सकता है…?
पोस्ट में दिख रही तस्वीर बहुत मार्मिक है इसलिए कोई लड़की अगर खुद को 50-60 साल बाद इस रुप में नहीं देखना चाहती तो सास और माँ में अंतर करना छोड़ दे वर्ना बुढ़ापा तो जीवन की आखिरी सच्चाई है
मेरी बहनों और ये हाल हमारा होना निश्चित है अगर हम भी सास को माँ के रुप में स्वीकार नहीं करती हैं तो……………………………..
आधुनिकता में बहकर माॅडर्न पेरेंटस भी बच्चों को संस्कारविहीन जीवन दे रहे हैं मगर सच यही है कि, अपनी जडों से टूटकर कोई वृक्ष ज्यादा दिन हराभरा नहीं रह सकता है।
इसलिए अपनी बेटियों को भी ऐसे संस्कार अवश्य दें ताकि वो भावी जीवन में अपने पारिवारिक दायित्वों का सही प्रकार से निर्वहन कर सके क्योंकि, मेरा मानना है कि सास अगर सख्त स्वभाव की हो तब भी मधुर व्यवहार से स्वभाव को बदला जा सकता है,