अमूल्यरत्न न्यूज…….
2 दरोगा…2 बैंक मैनेजर से शादी रचाने वाली लुटेरी दुल्हन अरेस्ट : कानपुर में 10 खातों में मिले 8 करोड़, पुलिस अफसरों से भी हुआ लेन-देन
12 लोगों को फंसाया, 4 शादियां की…
पहले 2 बैंक मैनेजर फिर 2 दरोगा दूल्हे बने…
खाते में 8 करोड़ रुपए…
यह कहानी है कानपुर की एक दुल्हन की।
जिसका मकसद शादी के जाल में लोगों को फंसाकर रुपए ऐंठना ही है।
इस लुटेरी दुल्हन को कानपुर पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया।
दुल्हन दिव्यांशी ने दो बैंक अधिकारियों समेत 12 से अधिक लोगों को अपने जाल में फंसा कर रकम ऐंठी थी।
वह पहले अपने प्यार के जाल में फंसाकर लोगों से रिलेशन बनाती थी।
फिर उन पर रेप का केस दर्ज कराकर उनसे रकम ऐंठती थी।
दिव्यांशी ने पहले दो बैंक मैनेजरों से शादी की, फिर उन पर रेप का केस करा दिया था।
कोर्ट में ट्रायल के दौरान वह अपने बयान से पलट गई।
इसके बाद मेरठ में ही तैनात एक दरोगा से शादी रचाई।
कुछ दिन बाद दरोगा पर भी फर्जी रेप केस दर्ज करा दिया।
दिव्यांशी पर शिकंजा तब कसा, जब कानपुर के ग्वालटोली थाने में तैनात दरोगा आदित्य कुमार लोचव ने उसकी शिकायत की।
दरोगा के साथ हुए हैरेसमेंट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने दो बार सुसाइड करने का भी प्रयास किया था। इसके बाद पुलिस ने दिव्यांशी की जांच शुरू की।
पुलिस ने जब दिव्यांशी के खाते की जांच की तो कई चौंकाने वाले सच सामने आए।
उसके खातों से मेरठ में तैनात रह चुके दरोगा, इंस्पेक्टर और सीओ तक के खातों में करोड़ों का ट्रांजैक्शन मिला।
उसके गैंग में कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
ये पुलिसकर्मी दिव्यांशी के पकड़े जाने के बाद दरोगा आदित्य पर समझौते का दबाव बना रहे थे।
बुलंदशहर के बीबीनगर में रहने वाले आदित्य कुमार लोचव 2019 बैच के सब-इंस्पेक्टर हैं।
आदित्य के पिता ऋषिपाल किसान और मां राजेश देवी घरेलू महिला थीं।
पिता के बाद मां की भी कैंसर से मौत हो गई थी।
घर में एक दिव्यांग भाई है।
एक रिश्ते के ताऊ आदित्य के लिए 30 साल की दिव्यांशी का रिश्ता लेकर आए।
बताया कि दिव्यांशी आदित्य के घर से 50 किलोमीटर दूर मेरठ के मवाना में रहती है।
दहेज में स्कॉर्पियो, लाखों के जेवर और धूमधाम से शादी की बात कही।
खूबसूरत लड़की देखकर दरोगा आदित्य कुमार लोचव और उनके परिवार ने भी हामी भर दी।
इसके बाद दोनों के परिवार वालों की रजामंदी से 17 फरवरी, 2024 को आदित्य और दिव्यांशी की शादी हो गई।
10 जनवरी को दिव्यांशी दरोगा के मेरठ वाले घर का ताला तोड़ती दिखी।
दरोगा को पत्नी पर शक इस तरह हुआ आदित्य ने बताया- शादी के बाद से दिव्यांशी बीएड और सीटेट की तैयारी का हवाला देकर मेरे घर में नहीं रुकती थी।
जब घर आती थी, तो अपने मोबाइल फोन से गूगल-पे, फोन-पे समेत अन्य यूपीआई एप डिलीट कर देती थी।
जब मैं ड्यूटी पर होता था, तो दिव्यांशी उनसे ऑनलाइन रुपए मांगती थी।
इस पर मुझे शक हुआ।
शादी के 4 महीने बाद मैं छुट्टी पर घर गया था।
दिव्यांशी भी घर पर ही थी।
मैंने जैसे ही उसका मोबाइल लिया, तो वह बेचैन हो गई।
मैंने उससे पूछा कि जब मैं घर आता हूं तो सभी यूपीआई एप क्यों डिलीट कर देती हो?
इसका दिव्यांशी ने कोई जवाब नहीं दिया।
इसके बाद मैंने जबरन सभी यूपीआई एप डाउनलोड कराए।
जब मैंने एप चेक किए, तो मेरे होश उड़ गए।
ट्रांजैक्शन हिस्ट्री में 10 से ज्यादा खातों में करोड़ों का ट्रांजैक्शन किया गया था।
खातों के बारे में पूछने के बाद दिव्यांशी मुझसे झगड़ा करके मायके चली गई।
25 नवंबर को कानपुर पुलिस कमिश्नर ऑफिस अखिल कुमार में दिव्यांशी ने हाई वोल्टेज ड्रामा किया।
उसने ग्वालटोली थाने में तैनात अपने पति आदित्य पर परेशान करने और 14.50 लाख रुपए हड़पने का आरोप लगाया।
कहा कि दरोगा पति के कई महिलाओं से अवैध संबंध हैं।
वो सोशल मीडिया पर लड़कियों को अपने चंगुल में फंसाता है। इसके बाद उनसे दोस्ती कर शारीरिक संबंध बनाता है।
फोटो-वीडियो निकालकर महिलाओं को ब्लैकमेल करता है।
दरोगा आदित्य की पत्नी दिव्यांशी की शिकायत और दरोगा के पक्ष रखने के बाद पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने जांच बैठा दी थी। तत्कालीन स्टाफ ऑफिसर अमिता सिंह इस केस की जांच कर रही थीं।
दरोगा से समझौते के नाम पर दिव्यांशी ने एक करोड़ की मांग की थी।
इसके बाद दरोगा ने दिव्यांशी चौधरी के खिलाफ सैकड़ों साक्ष्य दिए। जिनसे यह साबित हुआ कि दिव्यांशी ब्लैकमेलर है।
यह फोटो दिव्यांशी की गिरफ्तारी की है, उसको आज गिरफ्तार किया गया है।
दरोगा ने कहा- पुलिस अधिकारियों ने किया ब्लैकमेल।
दरोगा आदित्य ने बताया कि दिव्यांशी चौधरी के लिए पुलिस के कई अधिकारी काम करते हैं।
मेरठ में तैनात रहे कई अधिकारियों के खातों में करोड़ों के ट्रांसफर से इस बात का खुलासा होता है।
दिव्यांशी के करीब 10 खाते हैं, जिनमें वह पैसों का हेर-फेर करती है।
दरोगा ने कहा- तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार का तबादला होते ही दिव्यांशी के गिरोह से जुड़े कई पुलिसकर्मी कानपुर आकर अधिकारियों को भ्रमित करने में लग गए।
इसमें एक रिटायर्ड सीओ के साथ एडीजी जोन मेरठ के कार्यालय में रेडियो ऑपरेटर के पद पर तैनात दरोगा भी दिव्यांशी की पैरवी के लिए आ चुके हैं।
दिव्यांशी ने 3 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ रेप केस कराया था, लेकिन सभी मामलों में समझौता हो गया।
इसके साथ ही कई लोगों के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कराईं, जिनमें फाइनल रिपोर्ट लग चुकी है।
ऐसे मामले तो रोज होते हैं, कुछ छिप जाते हैं, कुछ छप जाते हैं पर जिम्मेदार लोगों में से किसी के भी कान पर जूं तक नहीं रेंगती।
आपका क्या विचार है???

