*_आगरा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने रिसर्च की छात्रा से किया दुष्कर्म, शोध के लिए मिला ‘बेस्ट शिक्षक’ अवॉर्ड_*
आगरा।
आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने संस्थान के 98 साल पुराने इतिहास को झकझोर कर रख दिया।
पहली बार किसी प्रोफेसर को शोध छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में जेल भेजा गया है।
आरोपी प्रोफेसर गौतम जैसवार को इसी वर्ष अगस्त में आयोजित दीक्षांत समारोह में रिसर्च के क्षेत्र में “बेस्ट शिक्षक” सम्मान मिला था, पर शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने का आरोप है।
रसायन विज्ञान विभाग में तैनात था प्रोफेसर
विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ बेसिक साइंस (IBS) के रसायन विज्ञान विभाग में तैनात प्रोफेसर गौतम जैसवार ने IIT बाम्बे से पीएचडी की थी और उनके नाम से कई शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं।
P.hD कर रही एक शोध छात्रा ने उन पर दो साल तक शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाने और बाद में धोखा देने का गंभीर आरोप लगाया।शुक्रवार को प्रोफेसर गौतम जैसवार को न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा गया।
विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्र समुदाय इस घटना से हैरान हैं क्योंकि यह पहली बार है जब किसी प्राध्यापक पर इतना गंभीर आरोप लगा है और उसे सजा के रूप में जेल भेजा गया है।
आरोपी प्रोफेसर को किया निलंबित
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर आशु रानी ने तत्काल आंतरिक शिकायत समिति (Internal Complaint Committee) गठित कर जांच शुरू करने के आदेश दिए और आरोपी प्रोफेसर को निलंबित कर दिया।
साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर विशेष निर्देश जारी किए हैं।
अब विश्वविद्यालय के खंदारी और पालीवाल परिसर के कुछ अन्य शिक्षकों की संदिग्ध गतिविधियों को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। कुलपति ने CCTV कैमरों की निगरानी बढ़ाने और छुट्टी के दिनों में संस्थान खोलने से पहले अनुमति लेने के आदेश जारी किए हैं।
छात्राओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता
कुलपति ने कहा कि इस मामले की जानकारी राजभवन को भी दे दी गई है और छात्राओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
इस घटना ने विश्वविद्यालय प्रशासन और शिक्षकों के बीच आत्ममंथन की स्थिति पैदा कर दी है।
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, जो वर्ष 1927 में स्थापित हुआ था, आज 98 साल का हो चुका है।
इस दौरान कई शिक्षाविदों ने इस संस्थान को गौरवशाली पहचान दी, लेकिन यह पहला अवसर है जब किसी प्राध्यापक को ऐसे गंभीर अपराध के लिए जेल भेजा गया।

