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फर्जी इंटरप्राइजेज के नाम से किया जा रहा सरकारी धन का आह रण
सरकारी विभागों की मिलीभगत से चल रहा गोरखधंधा, जिम्मेदार चुप
महराजगंज,सरकारी योजनाओं के नाम पर फर्जी इंटरप्राइजेज बनाकर करोड़ों रुपये का गबन करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि कुछ रसूखदार लोगों ने ऐसे संस्थानों का निर्माण कागज़ों पर ही कर लिया, जिनका ज़मीन पर कोई अस्तित्व नहीं है। इन फर्जी फर्मों के नाम पर न सिर्फ़ सरकारी अनुदान लिया जा रहा है, बल्कि बड़े-बड़े टेंडर भी पास कराए जा रहे हैं।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह घोटाला अकेले किसी एक विभाग तक सीमित नहीं है। कई विभागों में फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर भुगतान जारी किए गए हैं। आशंका है कि इस गोरखधंधे में संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत भी शामिल है, क्योंकि बिना विभागीय स्वीकृति और सत्यापन के यह सब संभव नहीं है।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने इस घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यह जनता के टैक्स का पैसा है और इस प्रकार के भ्रष्टाचार से न केवल सरकारी योजनाओं की साख घटती है बल्कि ज़रूरतमंदों तक मदद पहुँचने में भी बाधा आती है।
सबसे हैरानी की बात यह है कि संबंधित अधिकारियों को इस बारे में सूचना दिए जाने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इससे प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो आने वाले समय में यह घोटाला और भी बड़े स्तर पर फैल सकता है।