
पंचायती राज अधिनियम एवं शासनादेश का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन करते हुए सहायक चकबंदी अधिकारी रामगंज को किराए पर दिया गया पंचायत भवन रायपुर
( संवाददाता – सुमन पांडे )
रामगंज, अमेठी। प्रधान रायपुर (रामगंज ) , प्रधान पति रंजीत सोनी एवं सुरेन्द्र गुप्ता ग्राम पंचायत अधिकारी (सेक्रेटरी) की सांठगांठ से विकास खंड भादर अन्तर्गत ग्राम पंचायत रायपुर में पंचायती राज अधिनियम एवं तत्संबंधी शासनादेशों की उड़ाई जा रही हैं धज्जियां। प्रधान एवं ग्राम पंचायत सदस्यों के चुनाव के कई वर्षों पश्चात अभी तक पंचायत भवन या अन्यत्र किसी भी सार्वजनिक स्थानों पर नहीं कराई गई हैं वास्तविक भौतिक बैठकें। यह और बात है कि भ्रष्टाचारी प्रधान सुनीता सोनी, प्रधान पति रंजीत सोनी तथा भ्रष्टाचारी सेक्रेटरी सुरेन्द्र गुप्ता ने कागजी लीपापोती करते हुए जालसाजी से कई बैठकें कार्यवाही पंजिका में दर्ज कर रखा है,कई प्रस्ताव भी काल्पनिक बैठकें करके खंड विकास अधिकारी/सहायक विकास अधिकारी पंचायत/ निर्माण समिति आदि से अनुमोदित कराया गया है। अधिकांश निर्वाचित सदस्यों ने प्रधान, प्रधान पति और भ्रष्टाचारी सेक्रेटरी सुरेन्द्र गुप्ता से सैकड़ों बार मौखिक शिकायतें करके बैठकों की माग करते रहे हैं , किन्तु ब्लाक स्तरीय अधिकारियों से संरक्षित प्रधान, प्रधान पति और भ्रष्टाचारी सेक्रेटरी सुरेन्द्र गुप्ता के कानों पर जूं तक नहीं रेग रही है। ग्राम पंचायत रायपुर के कई ग्राम पंचायत सदस्यों ने संबंधित उच्चाधिकारियों से लिखित शिकायतें भी किया किन्तु उसका भी परिणाम “ढाक के तीन पात ” की कहावत चरितार्थ करता रहा है। उल्लेखनीय तो यह है कि प्रधान सुनीता सोनी, प्रधान पति रंजीत सोनी और भ्रष्टाचारी सेक्रेटरी सुरेन्द्र गुप्ता खुल्लम खुल्ला पंचायती राज अधिनियम और तत्संबंधी शासनादेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं और ग्राम पंचायत के कार्यों की मानिटरिंग करने वाले ब्लाक स्तरीय अधिकारियों ने अपनी आंखें बंद कर रखी हैं, सूत्रों के अनुसार ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को भी सुविधा शुल्क की एक निश्चित रकम प्रति माह भेंट की जा रही है।
ज्ञातव्य है कि ग्राम पंचायत रायपुर (रामगंज) प्रधान सुनीता सोनी एवं प्रधान पति रंजीत सोनी और ग्राम पंचायत अधिकारी ने पंचायती राज अधिनियम एवं शासनादेश का उल्लंघन करते हुए ग्राम पंचायत भवन रायपुर में सहायक चकबंदी अधिकारी रामगंज को कार्यालय/ न्यायालय के लिए एक कमरा और उसका बरामदा किराये पर दे दिया है। सूत्रों के अनुसार जो भी सहायक चकबंदी अधिकारी रामगंज में तैनात होता है,इसका निश्चित किराया किसानों/काश्तकारों से सुविधा शुल्क वसूली कर व्यक्तिगत रूप से प्रतिमाह एक हजार रुपए चुकाते रहते हैं, इस अवैधानिक कार्य से जहा पंचायत का कार्य प्रभावित हो रहा है वहीं पंचायती राज अधिनियम/नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है, वहीं पर किसानों/काश्तकारों को सहायक चकबंदी अधिकारी और उनके कारिंदों की लूट/रिश्वतखोरी का अतिरिक्त शिकार बनना पड़ रहा है।
सूत्रों के अनुसार पंचायत राज विभाग ने वर्षों पूर्व एक आदेश द्वारा प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों/ मुख्य विकास अधिकारियों/ जिला पंचायत राज अधिकारीयों/ग्राम प्रधानों को संबोधित एक आदेश जारी कर उनसे ग्राम पंचायत भवनों को ग्रामवासियों के बेटियों/ बेटों के शुभ विवाह/प्रीतिभोज आदि जैसे कार्यक्रमोंके लिए आवंटित /उपयोग करने/ कराये जाने की सख्त मनाही कर दी थी और जनप्रतिनिधियों यथा विधायकों एवं सांसदों से अपनी निधि से बारात घर बनवाने के लिए निर्देशित भी किया था, किन्तु प्रधान/प्रधान पति और सेक्रेटरी सुरेन्द्र गुप्ता द्वारा अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए नियमों का उल्लंघन जारी है। शेष भ्रष्टाचार फिर कभी…