
बैंक साहबों को चढौती चढाओ, बिना मानक एवं विना बैंकिंग नियमों के मनमर्जी से केंद धड्ले से खूब चलाओ
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यदि उठाओगे, आवाज तो क्रमवार बैंकिंग कोड बंद होने की मिलती रहेंगी आसानी से लिखित चिट्ठियां, व साथ राजनीतिकरण के तहत फर्जी मुकदमों में फंसवाकर बैंक के व्यवसाय में व्यवधान उत्पन्न होने के सम्बंध में कोर्ट कचहरी से भी ईनाम भरी नोटिस,
क्या यही सूबे की भ्रष्टचार का खात्मा कराने वाली अलबेली सरकार का प्रशासनिक व्यवस्था तंत्र में कोई भी अंकुश,,? 😩😳
बडौदा यू पी ग्रामीण बैंक शाखाओं के जनसेवा केंद आवंटन / लाईसेंसों जारी किये जाने में सम्वंधित बैंक शाखाओं के बैंक मैनेजरों से लेकर कानपुर क्षेत्रिय कार्यालय के अधिकारियों व बैंक अधिकृत कंपनियों के बीच इन दिनों भीतर ही भीतर पक रही मोटे माल के कमीशन खोरी की खूब खिंचडी,
यदि वास्तविक जगहों पर आवंटित अधिकृत सेवा केंद संचालकों द्वारा की जाती है आनाधिकृत व गैर आवंटित गांवो व विना मानकों के संचालित सेवा केंदोकी लिखित शिकायतें,
तो कमीशन खोरी में संलिप्त ग्रामीण बैंक अधिकारियों व चंद चाटुकार कंपनियों के एरिया मैनेजरों द्वारा राजनीतिकरण के तहत थमाई दी जा रही उनके बैंकिंग कोड लाईसेंस बंद किये जाने की तमाम चिठ्ठियां व बनाया जा रहा अनैतिकतापूर्ण दवाब व दी जाती तरह तरह की प्रताडनाओं वाली धमकियां,
यदि नही देता कोई बैंकिंग सेवा केंद संचालक अपने सम्वंधित बैंक मैनेजरों / क्षेत्रिय कार्यालय में तैनात अधिकारियों को कंपनी अधिकृत एरिया मैनेजरों के माध्यम से क्षेत्रिय प्रबंधक को मोटा कमीशन तो, दबी जुबान से अपनी आवाज उठाने वाले केंद संचालक की तमाम बैंकिंग नियमावलियों एवं मानकों का पाठ सिखाकर बंद करवा दी जाती बैंकिंग आईडियां,
एक योगी सरकार व मोदी सरकार शोषित युवाओं को छोटा रोजगार दिलाकर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण किये जाने की हिम्मत बंधा रहे, तो दूसरी ओर उनके शासनकाल में तैनात बडौदा यूपी ग्रामीण बैंक कानपुर में तैनात बैंक कर्मी अपनी कमीशनखोरी वाली भ्रष्टता से कतई बाज नही आते दिग रहे,
दिनों दिन दर्जनों होती क्षेत्रिय कार्यालयो में बैंकिंग सेवा केंदो से सम्वंधित शिकायतें, क्षेत्रिय कार्यालय व बैंक शाखाओं की मिली भगत के चलते नही होती कमीशन खोरी के एवज में कोई भी कार्यावाही व जांच, मामले सभी डाले दिये जाते कूडेदान भरी टोकरी के ठंडे बस्तो में,
बडौदा यूपी ग्रामीण बैंक शाखाओं बिल्हौर, शिवराजपुर, सखरेज, चौबेपुर, उतरीपूरा, विषधन, कासामऊ, इटरा, साढ, दिलीपनगर, नरवल,इत्यादि जगहों पर होते अनाधिकृत गैर आवंटित जगहो से, अर्थात विना बैंकिंग मानक एव बैंक परिसर से मानक पैरा मीटर की दूरियों की नियमावलियों को दरकिनार कर सेवा केंदों का धड्ले से संचालन, शीर्ष बैंक अधिकारियों/ हैड आफिस को क्षेत्रिय कार्यालय कानपुर से थमा दी जाती गुमराह कर क्षेत्रिय कार्यालय में तैनात बैंक अधिकारियो पर अनैतिक दबाव बनाने की आसानी से अनगिनत प्रतिक्रियायें, मानौ जैसे
आंखों पर पट्टी बांध, खेल रहा कैरम बोर्ड की गोटियों वाली आसाना तरीके वाला खेल,
दबी जुबान से केंद संचालक बोलैं कि जो भी बैंकिंग सेवा केंद संचालक बैंक शाखा मैनेजरों के माध्यम से चढवाते हैं चढौती,उनके लिये सभी बैंकिंग नियमावलियां एवं मानक कोई मायने नही रखता मनमर्जी होते सेवा केंद खूब धड्डले संचालित,
बडौदा यूपी ग्रामीण बैंक शाखाओं से जुडें बैकिंग सेवा केदों के संचालकों की दबी जुबानों की आवाज, क्षेत्रिय कार्यालय
बैंक अधिकारी हो रहे भीतरी खेलो में इन दिनो़ खूब मालामाल,
बडौदा यूपी ग्रामीण बैंक क्षेत्रिय कार्यालय/ शाखाओं के बैंक कर्मी मोदी सरकार के गांव गांव पहुंचाने वाली बैंकिंग व्यवस्था योजना डिजिटल इंडिया का लगा रहे खूब पलीता,निर्धारित / आवंटित गांवों के नाम जारी हुये सेवा केंदों के लाईसेंस नहीं हो रहे संचालित, गांव की जनता को बेफजूल में बैंक शाखाओं के आज भी लगाने पड मजबूरी वश चक्कर
पूरा मामला बडौदा यूपी ग्रामीण बैंक क्षेत्रिय कार्यालय कानपुर से जुडा हुआ