
कांग्रेस मुक्त भरतदेश लोकतंत्र के लिए जरूरी
महाराजगंज 25 जून । कांग्रेस पार्टी का सता बरकरार रखने के लिए असंवैधानिक तरीकोका इस्तेमाल करने का इतिहास रहा है। जैसा की 1975 के अपातकाल के दौरान देखा गया था। कांग्रेस और उसके सहयोगियों की रणनीति आज भी हमारे लोकतंत्र के लिए उतना ही खतरा हैजितना 1975 में था। उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष विधायक पी एन पाठक ने पार्टी कार्यालय पर आपात काल की 49 वी बरसी पर जिलाध्यक्ष संजय पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की गई थी और उस समय केंद्र में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। आपातकाल को 21 मार्च 1977 को हटा दिया गया था।उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मतलब आपातकाल, भाजपा का मतलब अमृतकाल । कांग्रेस को तानाशाही में भाजपा को लोकतंत्रशाही में विश्वास। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के डीएनए में लोकतंत्र नहीं तानाशाही है । कांग्रेस मुक्त भारत देश और लोकतंत्र के लिए जरूरी है।आज कांग्रेस और उनके सहयोगियों ने झूठा भ्रम फैलाया कि भाजपा 400 पार आयेगी तो संविधान बदल देंगे । संविधान में यदि किसी ने छेड़ छाड़ किया वह कांग्रेस ही है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने तो संविधान को माथे से लगाया और संविधान के अनुसार सबका साथ सबका विश्वास,सबका प्रयास के संकल्प को आगे बढ़ाने का कार्य किया। 25 जून 1975 देश में सबसे दुखद और काला अध्याय था जो कि 21मार्च 1977 तक रहा। यह काल भारत में काले अध्याय के रूप में जाना जाता है। सदर विधायक जय मंगल कन्नौजिया ने कहा कि ने कहा कि आपातकाल के उन काले दिनों को कभी नहीं भूला जा सकता जब संस्थानों को सुनियोजित तरीके से ध्वस्त कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि देश पर आपातकाल थोपकर कांग्रेस ने विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी थी। आज वही कांग्रेस संविधान का हवाला देकर देश को भ्रमित कर रही है। कांग्रेस के चाल चरित्र को देश जान गया है। हम सबको कांग्रेस के इन कृत्यों को लोगो के सामने उजागर करना चाहिए। अध्यक्षीय संबोधन में जिलाध्यक्ष संजय पांडेय ने कहा कि आपातकाल के दौर में भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद पर बनी फिल्मों किशोर कुमार के गानों महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर के उद्धरणों तक पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।इस प्रकार से कांग्रेस ने हमारे लोकतंत्र को कुचल दिया था।उन्होंने कहा कि वर्ष 1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ व अंहकार में देश पर आपातकाल थोपकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी थी।असंख्य सत्याग्रहियों को रातों रात जेल की कालकोठरी में कैद कर प्रेस पर ताले जड़ दिए गए थे। नागरिकों के मौलिक अधिकार छीनकर संसद व न्यायालय को मूकदर्शक बना दिया गया था। जिसे देश आज तक नही भुला।इस अवसर पर प्रमुख आनंद शंकर वर्मा, प्रमुख प्रतिनिधि राम हरख गुप्ता, पूर्व प्रमुख अमरेंद्र मणि, कार्यक्रम संयोजक अमित सिंह , अल्प संख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री कुर्सेद अंसारी, वरिष्ठ नेता अजय कुमार श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन जिला महामंत्री बबलू यादव ने किया। इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष अमरनाथ पटेल, जिला महामंत्री बबलू यादव, जिला मंत्री बैजनाथ पटेल, पूर्व जिला मंत्री प्रदीप उपाध्याय, मंडल अध्यक्ष अरविंद मौर्य, आकाश गुप्ता,आकाश श्रीवास्तव, अशोक विश्वकर्मा,अजीत यादव, प्रदीप भारती, धर्मेंद्र मौर्य, देवेंद्र चौधरी, अखंड प्रताप मिश्र, फरीदा इरम, दुर्गा गुप्ता, वीरेंद्र चौहान सहित तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे।इस अवसर पर सभी कार्यकर्ताओं ने अपनी अपनी बाहों में काला फीता बांधकर विरोध जताया। इसके पूर्व पंडित दीन दयाल उपाध्याय और डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर वंदे मातरम् गीत के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।