
महराजगंज,काम के वशीभूत हो कर विश्वामित्र जैसे ऋषि भी मेनका के आकर्षण में फंस कर अपनी तपस्या नष्ट कर बैठे ,लोभ के वशीभूत होकर आज मनुष्य अपनी सभी मर्यादा भूल गया है चारों तरफ भौतिक आकर्षण दिखाई दे रहा है आज अधिकांश व्यक्ति हिरणाक्ष बन गए हैं जिनकी दृष्टि सोने पर दृष्टि ही रहती है झूठ धोखाधड़ी मिलावट रिश्वत का बाजार गर्म हो रहा है किसी समय एक सोने के मृग ने सीता को आकर्षित किया था आज वही सोने का हिरण है फिर प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में चलांग लग रहा है हे देवात्माओं इन सब आसुरी से बचने के लिए मां गायत्री की शरण में जाकर संसार की नश्वरता को तथा आत्मा की अमरता को समझो तभी इससे छुटकारा पा सकोगे जिस दिन महाकाल का बुलावा आएगा उसे दिन सबका ठाट बात नहीं रह जाएंगे।
रिपोर्टर कैलाश सिंह महराजगंज