
महराजगंज ,घुघली ब्लॉक के बरवां खुर्द में श्रीं श्रीं 108श्री शतचंडी यज्ञ का भव्य कलशयात्रा निकाली गई,जिसमे 501कलश को कन्याओं ने शिकारपुर नहर नारायणी में वेदमंत्रो से जल भरा गया। इस यज्ञ से हिंदू धर्म में पूजा-पाठ, उपवास और धार्मिक अनुष्ठान का विशेष महत्व होता है।ऐसी मान्यता है कि धार्मिक अनुष्ठान करते समय देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में चल रही कई तरह की बाधाएं खत्म हो जाती हैं। हिंदू धर्म में अलग-अलग प्रयोजनों के लिए विशेष पूजा-पाठ की जाती है। आज हम आपको मां दुर्गा से संबंधित पाठ करने के बारे में बताने जा रहे हैं।मां दूर्गा को शक्ति की देवी कहा जाता है।मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए जिस यज्ञ का आयोजन किया जाता है उसे सत चंडी यज्ञ कहा जाता है।इस चंडी यज्ञ को बहुत ही प्रभावशाली और शक्तिशाली यज्ञ माना जाता है।इस यज्ञ के आयोजन से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। कुंडली में मौजूद बुरे ग्रहों का प्रभाव कम होता है. सौभाग्य में वृद्धि होती है। सतत चंडी यज्ञ के आयोजन से आपके शत्रुओं का नाश होता है और कार्यक्षेत्र में आने वाली बाधाएं खत्म हो जाती हैं।
सत चंडी यज्ञ की पूरी विधि
हिंदू धर्म में सत नव चंडी यज्ञ एक बेहद शक्तिशाली, असाधारण और बड़ा यज्ञ होता है। यह यज्ञ का पाठ बहुत ही योग्य और विद्वान ब्राह्राण के द्वारा ही किया जाता है।इस चंडी यज्ञ में 700 श्लोलों का पाठ किया जाता है। इससे मां दुर्गा की विशेष कृपा मिलती है। इस यज्ञ का आयोजन पौराणिक काल में ऋषि-मुनि, देवतागण और राक्षस सभी अपार शक्ति की प्राप्ति के लिए हमेशा किया करते थे।इस यज्ञ में आचार्य पवन कुमार पांडेय वैदिक,अपने सहयोगी विद्वानों के द्वारा यज्ञ को संपन्न कराने की आहुति लिए है।इसके सहयोगी प्रमोद पटेल, पप्पू चौबे,विनोद यादव नरसिंह मय ग्राम सभा सहित सहयोग की भावनाओ को प्रज्वलित किया है।
रिपोर्टर कैलाश सिंह महराजगंज