
👉 अमूल्यरत्न न्यूज संवाददाता
👉 हरियाणा में खाक हुआ 30,000 क्विंटल गेहूं, 5.92 करोड़ की संपत्ति क्यों हुई बरबाद
एक तरफ देश में गेहूं की कीमतों में लगातार बढोतरी देखी जा रही हैं, जिससे लोग परेशान हैं।
मगर दूसरी तरफ अनाज की बर्बादी भी हो रही है।
हरियाणा के करनाल जिले के जुंडला में लगभग 5.92 करोड़ रुपये का लगभग 30,000 क्विंटल खरीदा गया गेहूं खुले मैदानों में सड़ गया है।खुले में स्टोर था गेहूं
अधिकारियों के अनुसार 60000 बोरा (50 किग्रा प्रत्येक) हरियाणा खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग हरियाणा की तरफ से 2020-21 खरीद वर्षों में 1975 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद के बाद स्टोर किया गया था।
गौर करने वाली बात ये हैं कि इन गेहूं को खुले में ही स्टोर किया गया था।
किसकी है गलती?
यहां तक कि फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की तरफ ने पहले ही इस गेहूं को बांटने के लिए अयोग्य बताया था।
फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट ने सड़े हुए गेहूं को कम कीमत पर नीलाम करने के लिए सरकार को पत्र लिखा है।
हालांकि, अधिकारी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं।
ऐसा बताया जा रहा है इस भंडार को उठाने में देरी हुई और भारी बारिश ने गेहूं को नुकसान पहुंचाया।
गेहूं में लग गई थी फफूंदी
जमीनी स्तर के अधिकारियों के अनुसार बारिश में भीगने के बाद अनाज फफूंदी से काला हो रहा था और मार्च 2022 में इसे गैर-जारी करने योग्य घोषित किया गया था।
करनाल जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक अनिल कालरा ने साल 2020-21 में क्षतिग्रस्त गेहूं उपार्जन की पुष्टि की है।
पिछले एक साल में जिले में यह दूसरी घटना है क्योंकि पिछले साल भी 2019-20 में खरीदा गया 7,488 टन गेहूं भी करनाल जिले के जुंडला और असंध में खुले मैदानों में सड़ गया था