👉 अमूल्यरत्न न्यूज संवाददाता
👉 मुजफ्फरनगर समय पर नहीं पहुंच रहा गंगनहर में पानी, किसानों को हो रही मुश्किल दो हफ्ते बाद मिला पानी
शुक्रवार को रजबहे और नहर में पहुंचा पानी विलंब से पानी पहुंचने के कारण एक हफ्ते नहीं मिलता फायदा मजबूरन महंगे संसाधन जुटाकर खेतों का प्यास बुझानी पड़ती है संवाद न्यूज एजेंसी चरथावल।देवबंद से आ रही गंगनहर का पानी दो हफ्ते बाद लुहारी रजबहे तक पहुंच पाया।
छिलाई के बाद गन्ने की बुवाई के लिए किसानों को पानी की दरकार है। वो टकटकी लगाए रहते है। मगर, किसानों को हर बार समय से पानी नहीं पहुंच पाने के कारण एक हफ्ते का रोस्टर बेकार जाता है। नहर के पानी पर खेतीबाड़ी करने वाले किसानों को मुश्किल झेलनी पड़ती है। उन्हें मजबूरन महंगे संसाधन जुटाकर खेतों का प्यास बुझानी पड़ती है।
तीन साल पहने तक चरथावल क्षेत्र में बहने वाली गंगनहर रोजाना भरकर चलती थी। अक्तूबर में सफाई के दौरान सिर्फ 45 दिन नहर बंद रहती थी। मगर, इसके बाद में रोस्टर प्रणाली लागू होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई। 15 दिन रजबहों और माइनर और उसके बाद एक हफ्ते नहर में पानी मुहैया कराया जाने की व्यवस्था बनी। कई माइनर में माकूल पानी नहीं पहुंच पाता है। चरथावल और घिस्सुखेड़ा के किसानों का रोस्टर 15 दिन बाद बृहस्पतिवार को रहता है। किसानों के लिए ईख बुवाई का समय चल रहा है।
पानी की पूर्ति करने के लिए निजी संसाधन जुटाकर खेतों की प्यास बुझा रहे है। मानइरों और कुलाबों में पानी कम आने के कारण फसलों को पानी देने के लिए घिस्सुखेड़ा से कुटेसरा तक कई स्थानों पर ट्रैक्टरों पर डीजल पंप लगाकर पानी का बंदोबस्त करते है। लुहारी रजबहे से आगे चरथावल, महाबलीपुर, खुसरोपुर रजबहा और कुल्हेड़ी आदि में अगले हफ्ते में पानी पहुंचेगा।
क्या कहते है किसान
चरथावल के किसान असलम त्यागी कहते है कि नहर के बंद होने के 15 दिन बाद मंगलौर से शाम चार बजे पानी खोला जाता है। इस कारण अगले दिन सुबह तक चरथावल तक पानी पहुंच पाता है। दिन के हिसाब से पूरी रात किसान पानी देने खेत में जाते है। मगर, पानी नहीं पहुंचने से बृहस्पतिवार का रोस्टर बेकार रहता है।
वहीं घिस्सुखेड़ा के सुधीर त्यागी, दहचंद के सुधीर और महाबलीपुर के संजय त्यागी और कस्बे के सत्तार और नौशाद त्यागी कहते है तीन साल से नहर में पानी कम आने से कुलाबों और माइनर में नहीं पहुंच पाता। जिससे खेती करना मुश्किल हो गया है। नलकूपों और बिजली के ट्यूबवैलों से महंगी सिंचाई करनी पड़ती है।
रोस्टर के मुताबिक पानी छोड़ा जाएगा
सिचाई खंड के एसडीओ लोकेंद्र कुमार का कहना है रोस्टर के मुताबिक पानी छोड़ा जाएगा। फिलहाल नहर में ऊपर कार्य चल रहा है। फिलहाल नहर में लुहारी रजबहे तक पानी छोड़ा गया है। देवबंद के बास्तम, अंबेहटा, भायला और रणखंडी के अलावा पावटी, सैदपुरा कलां, मुथरा, अलावलपुर और लुहारी के रजबहों और माइनर के लिए पानी चालू है। चरथावल और ऊपर के रजबहे में पानी अगले सप्ताह आएगा। डिमांड के अनुरूप रोस्टर को बढ़ा दिया जाता है

