
क्यों मनाई जाती है नवरात्र ब्रत,
नवरात्र मनाने मे वैज्ञानिक महत्व भी है
महराजगंज,
जब भी बात नवरात्र की आती है तो हमारा दिमाग पाठ-पूजा,
देवी मां की अर्चना-आरती तक ही सीमित रह जाता है,
लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्र का त्योहार क्यों मनाया जाता है?
इसकी मान्यता क्या है?
सदियों से हम नवरात्र का त्योहार मनाते आ रहे हैं,
व्रत रखते आ रहे हैं।
देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से इस त्योहार को मनाया जाता है।
लेकिन इस नवरात्र के पीछे असल कहानी क्या है?
इससे जुड़ी एक पौराणिक कथा हमारे पुराणों में है। इसके अलावा इसका वैज्ञानिक महत्व भी है।
आइए जानते हैं इसके वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व के बारे में,
महिषासुर नाम का एक बड़ा ही शक्तिशाली राक्षस था। वो अमर होना चाहता था और उसी इच्छा के चलते उसने ब्रह्मा की कठोर तपस्या की।
ब्रह्माजी उसकी तपस्या से खुश हुए और उसे दर्शन देकर कहा कि उसे जो भी वर चाहिए वो मांग सकता है। महिषासुर ने अपने लिए अमर होने का वरदान मांगा।
महिषासुर की ऐसी बात सुनकर ब्रह्मा जी बोले, ‘जो इस संसार में पैदा हुआ है उसकी मौत निश्चित है। इसलिए जीवन और मृत्यु को छोड़कर जो चाहो मांग लोग।’
ऐसा सुनकर महिषासुर ने कहा,’
ठीक है प्रभु,
फिर मुझे ऐसा वरदान दीजिए कि मेरी मृत्यु ना तो किसी देवता या असुर के हाथों हो और ना ही किसी मानव के हाथों। अगर हो तो किसी स्त्री के हाथों हो।
महिषासुर की ऐसी बात सुनकर ब्रह्माजी ने तथास्तु कहा और चले गए। इसके बाद तो महिषासुर राक्षसों का राजा बन गया उसने देवताओं पर आक्रमण कर दिया।
उन्होंने एकजुट होकर महिषासुर का सामना किया जिसमें भगवान शिव और विष्णु ने भी उनका साथ दिया,
लेकिन महिषासुर के हाथों सभी को पराजय का सामना करना पड़ा और देवलोक पर महिषासुर का राज हो गया।
महिषासुर से रक्षा करने के लिए सभी देवताओं ने भगवान विष्णु के साथ आदि शक्ति की आराधना की। उन सभी के शरीर से एक दिव्य रोशनी निकली जिसने एक बेहद खूबसूरत अप्सरा के रूप में देवी दुर्गा का रूप धारण कर लिया।
देवी दुर्गा को देख महिषासुर उन पर मोहित हो गया और उनसे शादी करने का प्रस्ताव सामने रखा। बार बार वो यही कोशिश करता।
देवी दुर्गा मान गईं लेकिन एक शर्त पर..उन्होंने कहा कि महिषासुर को उनसे लड़ाई में जीतना होगा। महिषासुर मान गया और फिर लड़ाई शुरू हो गई जो 9 दिनों तक चली। दसवें दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर का अंत कर दिया…
और तभी से ये नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।नवरात्र मनाने का वैज्ञानिक महत्व भी है। वर्ष के दोनों प्रमुख नवरात्र प्रायः ऋतु संधिकाल में या दो ऋतुओं के सम्मिलिन में मनाए जाते हैं।
जब ऋतुओं का सम्मिलन होता है तो आमतौर पर शरीर में वात, पित्त, कफ का समायोजन घट बढ़ जाता है। इससे रोग प्रतिरोध क्षमता कम हो जाती है।
इसलिए जब नौ दिन जप, उपवास, साफ-सफाई, शारीरिक शुद्धि, ध्यान, हवन आदि किया जाता है तो वातावरण शुद्ध हो जाता है। इससे हमारी कई बीमारियों से रक्षा होती है।